नई दिल्ली : गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा में हुए नाव हादसे में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम द्वारा 13 लोगों को रेस्क्यू करने के बाद करीब 17 लोग अभी भी मिसिंग हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात करीब 1.30 बजे तक चला। जिसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सुबह 6 बजे से फिर एक बार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई है।
दोपहर के वक्त हुआ हादसा
पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिनंदन के मुताबिक दोपहर के समय करीब 30-35 लोगों से भरी एक नाव मरका थाना क्षेत्र के यमुना घाट से एक नाव फतेहपुर जिले के जरौली घाट जा रही थी। तभी अचानक से पानी में हवा का तेज झोंका आने की वजह से नाव डगमगाकर पलट गई। जिसकी वजह से यह भयानक हादसा हुआ।
Banda, Uttar Pradesh | Search operation resumes for the 17 people who are still missing after their boat capsized in Yamuna river last evening. The boat was going from Fatehpur to Marka village.
Three bodies have been recovered so far. pic.twitter.com/aB7CGU3CHJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 12, 2022
तत्काल मदद
बता दें, मीडिया रिपोर्ट्स की वजह से इस हादसे में पानी में डूबने की वजह से करीब तीन से चार लोगों की मौत हो गई है। जिस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ितों को तत्काल मदद और राहत के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों को आपदा राहत कोष से 4-4 लाख रुपए की राहत राशि देने के लिए भी निर्देश दिए हैं।
नहीं है गांव में कोई पूल
जानकारी के मुताबिक यमुना नदी के उस पार जाने के लिए कोई पूल मौजूद नहीं है। नदी पार करने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है। वहां पर पूल का निर्माण साल 2011 से ही शुरू है, लेकिन वो अभी तक बन नहीं पाया है। नाव की सहायता से वहां रोजाना करीब 1000-1500 लोगों का आना जाना होता है।