नयी दिल्ली/लखनऊ. एक बड़ी खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने अब राज्य की बेटियों के हक में बड़ा फैसला किया है। जी हाँ, अब मृतक आश्रित कोटे से विवाहित बेटियां भी सरकारी नौकरी की हकदार होंगी। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बीते बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में अभी तक मृतक आश्रित कोटे के तहत अनुकंपा के आधार पर पुत्र, विवाहित पुत्र व अविवाहित बेटियों को ही नौकरी देने की व्यवस्था थी। इसमें विवाहित पुत्रियों के लिए व्यवस्था न होने पर इनको मृतक आश्रित कोटे पर अनुकंपा के आधार पर यहाँ नौकरियां नहीं मिल पा रही थीं। कई मामले तो ऐसे भी सामने आए जहां इकलौती विवाहित बेटी होने के चलते परिवारों को परेशानियों का भयंकर सामना करना पड़ जाता था।
हालाँकि इस तरह के मामले कोर्ट तक भी पहुंचे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले का संज्ञान लिया और पुरानी व्यवस्था में संशोधन करने पर ये सहमति बनी कि कुटुंब की परिभाषा में विवाहित पुत्रियों को भी अब जोड़ दिया जाए। इस बाबत कार्मिक विभाग ने उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (बारहवां संशोधन) नियमावली-2021 को कैबिनेट मंजूरी के लिए भी भेजा था। जिसे मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन जरुरी मंजूरी दे दी है। योगी सरकार द्वारा इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद प्रदेश के सरकारी विभागों में अब अनुकंपा के आधार पर विवाहित बेटियों को भी नौकरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
योगी कैबिनेट में इन प्रस्तावों को भी मिली जरुरी मंजूरी
इसके साथ ही उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने इस बार के पेराई सत्र 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी किये जाने की घोषणा को अपनी मंजूरी दे दी है। इस बारे में गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन जरुरी मंजूरी दी गयी। इसके साथ ही यूपी सरकार द्वारा अब पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारकों को मार्च, 2022 तक निशुल्क राशन मिलेगा। इस राशन के साथ एक किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल, और एक किलो आयोडाइज्ड नमक भी दिया जाता रहेगा।
गौरतलब है कि योगी सरकार ने BJP के संकल्प पत्र में दिए गए अपने वायदे को पूरा कर दिया है। इसीके साथ अब पंजीकृत अधिवक्ताओं को पांच लाख रुपये एक मुश्त मिल सकेंगे। कैबिनेट ने न्याय विभाग के प्रस्ताव को इस बाबत जरुरी मंजूरी दे दी। इसके तहत अब उत्तरप्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 में बदलाव का निर्णय लिया गया। इससे संबंधित अध्यादेश भी अब जल्द ही जारी होगा।