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गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Chief Minister Yogi Adityanath) ने रविवार शाम भटहट के पिपरी में बन रहे प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय (Ayush University) के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। कार्य की अब तक की भौतिक प्रगति पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने पर निर्माण कराने वाली एजेंसी पर जुर्माना (Fine) लगाने और इसके बाद भी सुधार न होने की दशा में एजेंसी को ब्लैक लिस्ट (Blacklist) में डालने के कड़े निर्देश दिए। 

आयुष विश्वविद्यालय पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने ले आउट डिजाइन का अवलोकन करने के साथ परिसर का भ्रमण कर अब तक हुए निर्माण का जायजा लिया। निर्माण की प्रगति को लेकर उन्होंने जब सवाल पूछने शुरू किए तो निर्माण कराने वाली एजेंसी से जुड़े लोगों के पसीने छूटने लगे। सीएम ने एकेडमिक ब्लॉक, हॉस्टल, जलनिकासी आदि को लेकर चल रहे कार्यों के बारे में पूछताछ की। 

निर्माण कार्यों की प्राथमिकता तय कर लें 

सीएम ने कहा कि समयबद्धता और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की चूक अक्षम्य होगी। मुख्यमंत्री ने एजेंसी और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक कर निर्माण कार्यों की प्राथमिकता तय कर लें और उसी के अनुरूप कार्य करें। उन्होंने काम में तेजी लाने के लिए एक साथ 1,200 से 1,500 मजदूरों-कारीगरों को लगाने की भी हिदायत दी। इस दौरान आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, सांसद रविकिशन शुक्ल, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक महेंद्रपाल सिंह, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश समेत कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। 

निर्माणाधीन ओवरब्रिज का भी मुख्यमंत्री ने किया निरीक्षण 

आयुष विश्वविद्यालय का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालापार मार्ग पर निर्माणाधीन ओवरब्रिज का भी निरीक्षण किया और काम में तेजी लाने की हिदायत दी। इस दौरान उन्होंने ओवर ब्रिज निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष किसानों को मुआवजा वितरण के बारे में पूछा। अधिकारियों से कहा कि यदि किसी का मुआवजा बाकी हो तो जल्द से जल्द उसे उपलब्ध करा दिया जाए।