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    राजेश मिश्र

    लखनऊ. आखिर ना ना करते करते अब यूपी (UP) में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) की घड़ी आ ही गई है। रविवार देर शाम राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) नए बनने वाले मंत्रियों को शपथ (Oath) दिलाएंगी। इस आशय की सूचना सार्वजनिक कर दी गई  है।

    उमीद की जा रही है कि विस्तार में सात लोगों को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। इनमें से एक को कैबिनेट जबकि छह को राज्यमंत्री बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार का वर्तमान कार्यकाल खत्म होने में बस साढ़े पांच महीनों का समय बाकी है। कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री को हटाए जाने की चर्चा है। हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी भी मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया था।

    संदीप सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है

    जानकारों का कहना है कि मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और  कद्दावर नेता कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को प्रोन्नति मिल सकती है। संदीप सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। अभी हाल ही में जिस तरह से कल्याण सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री योगी, प्रधानमंत्री मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता नजर आई है उससे भी इस संभावना को बल मिल है। भाजपा के पास वर्तमान में कोई सर्वमान्य लोध बिरादरी का नेता भी नहीं बचा है और विवादों में रहे साक्षी महराज या आरोपों में हटाए गए मंत्री धर्मपाल की जगह पार्टी संदीप सिंह को प्रोन्नत कर लोध बिरादरी को साधने के लिए आगे कर सकती है।

    मंत्रिमंडल में 60 लोगों को शामिल किया जा सकता है

    उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्रिमंडल में 60 लोगों को शामिल किया जा सकता है। अभी कुल 53 मंत्री हैं इस तरह सात सीटें खाली हैं। रविवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जिन नामों की चर्चा जोरों पर हैं उनमें हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर आए जितिन प्रसाद का नाम सबसे उपर है। जितिन अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। उन्हें नामांकित कोटे की विधान परिषद में खाली चार सीटों में भी जगह दी जाएगी। इसके अलावा हाल ही में उत्तराखंड राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने वाली आगरा की बेबीरानी मौर्य का नाम भी संभावितों में शामिल है। सोनभंद्र से भाजपा के इकलौते आदिवासी विधायक संजय गोंड, बलरामपुर जिले से पल्टूराम, धर्मवीर खटीक, छत्रपाल गंगवार, सकलदीप राजभर, संगीता बलवंत, ए.के शर्मा, धीरेंद्र गुर्ज्जर, तेजपाल नागर, आशीष पटेल और संजय निषाद का नाम भी संभावितों की सूची में बताया जा रहा है।

    जातियों का समीकरण दुरुस्त करने की कवायद

    विधानसभा चुनावों के ठीक पहले होने वाले मंत्रिपरिषद के विस्तार में जातियों का समीकरण दुरुस्त करने की कवायद भी की जाएगी। ब्राह्म्ण वर्ग को साधने के लिए इस बिरादरी के जितिन प्रसाद सहित एक और को भी मंत्री बनाया जा सकता है जबकि ओमप्रकाश राजभर की नाराजगी से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सकलदीप राजभर की लाटरी लग सकती है। पश्चिम यूपी में गूजरों को साधने के लिए इस बिरादरी को जगह दी जा सकती है तो दलितों में कम से कम दो नामों को शामिल किया जा सकता है। 

    संभावितों की सूची में बताए जा रहे संजय निषाद ने हालांकि खुद को मंत्री बनाए जाने जैसी किसी जानकारी से इंकार किया है। उनका कहना है कि मंत्री परिषद विस्तार की तो सूचना है पर उन्हें शपथ लेने का कोई बुलावा दोपहर तक नहीं मिला है। निषाद पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद फिलहाल लखनऊ से दूर लखीमपुर में हैं।