-राजेश मिश्र
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में घरेलू कचरे से सीएनजी बनाने की कवायद शुरु की गयी है। हर दिन घरों से निकलने वाले कूड़े से बनायी जाने वाली यह सीएनजी (CNG) सस्ती भी होगी। लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने राजधानी में कूड़ा निस्तारण के लिए नयी कंपनी की लाश शुरु की है। नगर निगम घरेलू कचरे के निस्तारण की जिम्मेदारी ऐसी कंपनी को देगा जो इससे सीएनजी बनाएगी। इसके लिए उसने देश-विदेश की कंपनियों से ऑफर मांगा है।
इस संबंध में नगर निगम ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है। तीन महीने के भीतर चयन हो जाएगा। नगर निगम को कूड़े से सीएनजी बनाने वाली कम्पनी इसे पांच रुपए प्रति किलो सस्ती देगी। नगर निगम की गाड़ियों को चलाने के लिए अब सीएनजी बाजार से सस्ती मिलेगी।
गौरतलब है कि वर्तमान में राजधानी में घर-घर से कूड़ा उठाने व प्लांट में इसके निस्तारण की जिम्मेदारी ईको ग्रीन कंपनी के पास है। कंपनी कूड़े का निस्तारण नहीं कर पा रही है। जिसकी वजह से लखनऊ के शिवरी प्लांट में कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। जिसके चलते नगर निगम ने अब नई कंपनी के चयन की कार्रवाई शुरू कर दी है। नई कंपनी घरेलू कचरे का निस्तारण करेगी और इसी से सीएनजी बनाएगी। इस संबंध में देशी-विदेशी कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मांगा है।
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इस बारे में जानकारी देते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि राजधानी में कूड़े से सीएनजी बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए कंपनियों से ऑफर मांगे गए हैं। कंपनियों को अपने खर्चे पर पूरा प्लांट और अन्य संसाधन लगाना होगा। नगर निगम इसमें कोई निवेश नहीं करेगा। कूड़ा निरस्तारण के लिए नगर निगम जिस कम्पनी से करार करेगा उसे प्लाण्ट लगाने के लिए केवल जमीन देगा। बाकी सभी संसाधन उसे अपने खुद के बजट से जुटाने होंगे।
टेंडर की शर्तों के मुताबिक, जिस कम्पनी का नगर निगम के साथ करार होगा उस कम्पनी को निगम लगभग 300 टन कचरा रोज देगा। यह कचरा घरेलू होगा जिसे एकत्र करने की भी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। घरों से कूड़ा उठाने के बाद नगर निगम इसकी छंटाई करके कंपनी को देगी। इसकी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। कूड़े में मिलने वाले खराब खाद्य पदार्थ, सब्जियां, पत्तियां, घास, गोबर आदि से प्लांट में सीएनजी तैयार होगी। हर दिन दिए जाने वाले 300 टन कचरे से 20 हजार किलो सीएनजी बनेगी। कम्पनी इस सीएनजी को बाजार में बेचकर मुनाफा कमा सकेगी। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि हर दिन 300 टन कचरा केवल होटलों और सब्जी मण्डियों से ही मिल जाएगा साथ ही गोबर की भी खपत हो जाएगी।