
सुल्तानपुर/लखनऊ (उप्र). अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज़ वर्तिका सिंह (Vertika Singh) ने कथित तौर पर महिला आयोग (Woman Commission) का सदस्य बनाने के नाम पर 25 लाख रूपये माँगने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani), उनके कथित सहायक विजय गुप्ता और डाक्टर रजनीश सिंह के ख़िलाफ़ ‘एमपी-एमएलए कोर्ट’ में एक शिकायत दायर की है। वर्तिका के अधिवक्ता के अनुसार अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए दो जनवरी 2021 की तारीख तय की है।
उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर को अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना में वर्तिका सिंह और कमल किशोर (नाम पता अज्ञात) के खिलाफ विजय कुमार गुप्ता ने एक मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया है कि ”आयुष राज्य मंत्री, भारत सरकार को रायबरेली में अस्पताल के निर्माण के लिए संदर्भित पत्र की प्रतापगढ़ जिले के रामचंद्रपुर निवासी के. पी. सिंह की पुत्री वर्तिका सिंह कूट-रचना कर (विषय वस्तु बदल कर) मेरे विरूद्ध निराधार आरोप लगाकर मानसिक रूप से परेशान कर रही हैं।”
गुप्ता ने यह भी आरोप लगाया, ‘‘वर्तिका सिंह और कमल किशोर सहित अन्य लोग उनकी छवि धूमिल करने का षडयंत्र कर रहे हैं।” गुप्ता ने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा कर कार्यवाही की मांग की थी।
इस संदर्भ में मुसाफिरखाना पुलिस ने वर्तिका सिंह और कमल किशोर के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम की संबद्ध धाराओं के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (आपराधिक धमकी देने) के तहत एक मुकदमा दर्ज किया है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ वर्तिका ने आरोप लगाया है, ”मंत्री की शह पर उनके करीबियों ने महिला आयोग की सदस्य पद का फर्जी नियुक्ति पत्र उन्हें जारी किया।”
उनका आरोप है, “पहले बड़ी-बड़ी बातें कर उन्हें गुमराह किया गया, फिर कहा गया कि इस पद का रेट एक करोड़ रूपये है। लेकिन मेरी अच्छी प्रोफाइल होने की बात कहकर 25 लाख रुपये की मांग़ की गई।” वर्तिका ने आरोप लगाया है, “मंत्री के करीबी ने उनसे (वर्तिका) अश्लील बातचीत भी की।”
वर्तिका के अनुसार, उन्होंने जब इसका विरोध किया, तो विजय गुप्ता ने मुसाफिरखाना थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। वर्तिका के अधिवक्ता रोहित त्रिपाठी ने बताया विशेष न्यायाधीश ‘एमपी-एमएलए कोर्ट’ पी के जयंत ने अधिकार क्षेत्र पर सुनवाई को लेकर दो जनवरी की तारीख तय की है। अधिवक्ता ने कहा कि पीड़िता को भेजे गए अश्लील संदेश और बातचीत के पर्याप्त साक्ष्य कोर्ट में पेश किए गए हैं। (एजेंसी)