अखिलेश की वर्चुअल रैली में कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां, डीएम ने FIR दर्ज करने का दिया आदेश

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां कोरोना के बढ़ते मामलों लगातार वृद्धि जारी है। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव का प्रचार भी जोर पकड़ रहा है। इसी क्रम में आज समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की वर्चुअल रैली का आयोजन किया गया। अखिलेश की इस रैली में कोरोना वायरस के रोकथाम  बनाएं नियमों को सरे आम धज्जियां उड़ाई गई। एक ही जगहों पर हजारों की संख्या में लोग बिना मास्क लगाए जमा हुए। जिसके बाद जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिया है।

    दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य सहित उनके समर्थक विधायकों को समाजवादी पार्टी में शामिल कराने के लिए वर्चुअल रैली का आयोजन किया गया था। अखिलेश यादव के निवास पर आयोजित इस रैली में हजारो की संख्या में सपा और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक पहुंचे। इस दौरान न किसी ने भी मास्क लगाया और न ही किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। वहीं मंच पर मौजूद अखिलेश सहित किसी नेता ने मास्क नहीं लगाया था। 

    एफआइआर दर्ज करने का दिया आदेश 

    इस बारे में लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा है कि ये कार्यक्रम बिना अनुमति के हुआ है। सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को सपा कार्यालय भेजा गया। रिपोर्ट के आधार पर  जिला निर्वाचन अधिकारी ने जांच कराने के साथ ही इस मामले में एफआइआर कराने का निर्देश दिया है।

    जिम्मेदार लोगों की जावदारी होगी तय 

    ज्ञात हो कि, केंद्रीय चुनाव आयोग ने पिछले दिनों पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश में जहां 10 फरवरी से मतदान शुरू होगा, वहीं 10 मार्च को परिणाम आएगा। कोरोना की तीसरी लहर के बीच होने वाले चुनाव में आयोग ने 15 जनवरी तक किसी भी तरह के प्रचार और रैली पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसी के साथ अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करेगा उस पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। 

    चुनाव आयोग ने बीते सप्ताह चुनावों की घोषणा से पहले ही गृह मंत्रालय के साथ बैठक में में यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए ताकि मतदान वाले राज्यों में कोरोना दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू किया जा सके।