वाराणसी ब्लास्ट मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी को सुनाई मौत की सजा

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    वाराणसी: वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में गाजियाबाद की अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है। अदालत ने इस बम कांड के मुख्य आरोपी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। इसी के साथ एक अन्य मामले में उम्रकैद भी हुई है। ज्ञात हो कि, 2006 में हुए इस सिलसिलेवार ब्लास्ट में 18 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ो लोग घायल हुए थे। 

    न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा ने हत्या, आतंक फैलाना, विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करना और हत्या के प्रयास के मामले में सजा-ए-मौत सुनाई है। दोषी पर 60 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। वलीउल्लाह 16 साल से डासना जेल में बंद है।अदालत ने कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।  

    जाने क्या है पूरा मामला?

    7 मार्च 2006 को देश की धार्मिक राजधानी सिलसिलेवार धमाकों से दहल गई थी। पहला धमाका शाम 6.15 बजे संकट मोचक मंदिर के अंदर और दूसरा बम 15 मिनट बाद वाराणसी छावनी रेलवे स्टेशन के प्रथम श्रेणी के रिटायरिंग रूम में हुआ था। वहीं गोदौलिया आवासीय इलाके में तीसरे जीवित बम का पता चला था, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया था। साथ ही चौथा बम भी वाराणसी के प्रसिद्ध गंगाघाट से बरामद किया गया था।

    अप्रैल 2006 में विशेष कार्य बल ने जांच में दावा किया था कि वलीउल्लाह एक आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जेहाद अल इस्लामी (हूजी) से जुड़ा था और विस्फोटों के पीछे मास्टरमाइंड था। इसी के साथ वजीउल्लाह का दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) के अनुसार, हूजी के पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई), तालिबान, अल-कायदा के साथ संबंध हैं। जांच में पता चला है कि, बांग्लादेश में हूजी के सहयोगी ने जैश-ए-मोहम्मद और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के सहयोग से वाराणसी विस्फोटों को अंजाम दिया था।