नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डेंगू (Dengue Outbreak in UP) और वायरल बुखार (Viral Fever) का तांडव लगातार जारी है। वायरल फीवर का सबसे अधिक कहर फिरोजाबाद (Firozabad) और आगरा (Agra) में देखने को मिला है। सूबे में पैदा हुए इस हालात को लेकर स्वास्थ विभाग अपने स्तर पर हर संभव कोशिश कर रहा है। इसी बीच राज्य के प्रयागराज (Prayagraj) में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या 97 पहुंच गयी है। साथ ही फिरोजाबाद में अब तक 60 बच्चों की मौत वायरल फीवर की चपेट में आने से हुई है।
बता दें कि प्रयागराज के सीएमओ नानक सरन ने कहा कि ज़िले में इस वक़्त 97 डेंगू के मामले हैं। जिसमें से 9 मरीज भर्ती है और 16 सक्रिय मामले हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 27 और शहरी क्षेत्र में 67 डेंगू के मामले हैं। डेंगू से हमारे यहां अब तक कोई मृत्यु नहीं हुई है।
प्रयागराज में डेंगू के कुल 97 मामले-
प्रयागराज ज़िले में इस वक़्त 97 डेंगू के मामले हैं। जिसमें से 9 मरीज़ भर्ती है और 16 सक्रिय मामले हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 27 और शहरी क्षेत्र में 67 डेंगू के मामले हैं। डेंगू से हमारे यहां अब तक कोई मृत्यु नहीं हुई है: प्रयागराज के CMO नानक सरन, उत्तर प्रदेश (14.09) pic.twitter.com/HvIEtKN297
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2021
वहीं यूपी के गाजियाबाद में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गाजियाबाद के CMO ने बताया कि इस वक्त यहां डेंगू के 21 मामले हैं। 1 मरीज सरकारी अस्पताल और 20 जिले के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती है। रोज़ 4-5 डेंगू के मरीज आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आगरा जिले में भी हालात खराब हैं। जिले में डेंगू के कुल 35 मामले मंगलवार तक सामने आये हैं। जिसमें से 14 सक्रिय हैं। आगरा के सीएमओ ने पहले ही एक बयान में कहा है कि सभी स्वास्थ केंद्रों पर डेंगू, मलेरिया और वायरल रैपिड किट उपलब्ध है।
फिरोजाबाद में 60 बच्चों की मौत-
गौरतलब है कि फिरोजाबाद में डेंगू की चपेट में आने से 60 बच्चों की जान चली गई है। साथ ही 465 बच्चे अभी भी मेडिकल कॉलेज के वॉर्ड में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है। जिले के सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ विभाग की टीम लगातार घर-घर पहुंचकर लोगों से सफाई की अपील कर रही है। साथ ही मरीजों को जरूरी सुविधाएं दी जा रही है।
गोरखपुर में डेंगू के छह मामले दर्ज-
गोरखपुर जिले में भी छह डेंगू के मामले सामने आये हैं। डेंगू से निपटने के लिए यहां पहले से ही तैयारियां की जा चुकी हैं। बेड, दवा और ऑक्सीजन पहले से अस्पताल में उपलब्ध है। जबकि मेडिकल बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 50 बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। ऐसे में अगर आने वाले समय में और भी जरुरत पड़ी तो उसका भी इंतजाम किया जाएगा।