lck Dilkusha
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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लगातार तीसरे दिन हो रही मूसलाधार बारिश (Heavy Rains) के चलते आम जीवन थम गया है। शहरों में पानी की निकासी से लेकर बिजली की व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। धान को छोड़कर ज्यादातर अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। जबरदस्त बारिश के चलते नदियां फिर से उफना रही हैं और प्रदेश भर में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी लखनऊ (Lucknow) में तेज बारिश में दीवार गिरने से तीन बच्चों सहित नौ लोगों की मौत (Death) हो गयी है।

    राजधानी लखनऊ के कैंट क्षेत्र के दिलकुशा में भारी बारिश का कहर बरपा है। गुरुवार देर रात में दिलकुशा में दीवार गिरने से वहां सो रहे नौ लोगों की मौत हो गयी, जिनमें तीन पुरूष, तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं जबकि एक व्यक्ति घायल है।

    CM योगी ने दिए अधिकारियों को निर्देश

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेज बारिश के मद्देनजर सभी जिलों के अधिकारियों को तेजी से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का दौरा कर राहत कार्य पर नज़र रखें और प्रभावित लोगों को मदद उपलब्ध कराएं। उन्होंने आपदा से हुई जनहानि  से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तुरंत वित्तीय सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री ने बारिश से फसलों को हुए नुकसान का सर्वेक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं।

    कई नदियों का जलस्तर बढ़ा

    उधर, प्रदेश के ज्यादातर जिलों में हो रही तेज बारिश के बाद नदियां उफनाने लगी हैं। गोरखपुर और आसपास के जिलों के साथ ही नेपाल में हो रही तेज बारिश का असर दिखने लगा है। गोरखपुर में बहने वाली सभी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सरयू नदी बरहज में खतरे के निशान के काफी करीब पहुंच गई है। राप्ती-रोहिन और गोर्रा नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है। सरयू नदी बरहज में खतरे के निशान 66।50  मीटर के काफी करीब पहुंच गई है। सिंचाई विभाग का मानना है कि सरयू कभी भी यहां खतरे का निशान पार कर सकती है। राप्ती नदी का जलस्तर भी बढ़ाव पर है। सरयू और राप्ती नदी ही नहीं, गोरखपुर में बहने वाली रोहिन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।

     फसलों को हुआ नुकसान

    प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बुधवार से हो रही जोरदार बारिश से तिलहन, दलहन और सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा है और बरबादी हुई है। वहीं धान की खेती पहले कम बारिश से चौपट हुई और अब जहां फूल अथवा फली आ गई उसे भी नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लगातार हो रही बारिश से उरद, मूंग, तिल, सांवा, कोदौ और सब्जी में अगेती आलू, मटर, टमाटर, तोरिया, लौकी, कद्दू, पालक, सोया, मेथी, गाजर, मूली, शलजम, फूल गोभी, पत्ता गोभी, ब्रोकली, धनिया, करेला, बैगन जैसी  फसलों का नुकसान होना तय है। बीते चार दिनों की बारिश में जिले में तिल, कद्दू आदि की फसल को नुकसान पहुंचा है। हाल ही धान किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को तिलहनी फसल तोरिया (लाही) के बीजों की निशुल्क आपूर्ति की थी। बहुत से इलाकों में किसानों ने धान की जगह तोरिया की फसल लगा भी दी थी जिन्हें इस तेज बारिश में नुकसान उठाना पड़ा है।