Satish Mahana

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना (Uttar Pradesh Assembly Speaker Satish Mahana) ने अपने छह माह का कार्यकाल पूरा होने पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश की सबसे बड़ी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)  की विधानसभा में ई-विधान (E-Vidhan) की व्यवस्था की गई, जिसको पूरे देश में सराहा गया। ई-विधान का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया गया और उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि ई-विधान के लागू होने के पश्चात सभी विधायकों को इसका प्रशिक्षण दिया गया और संतोष की बात है कि लगभग 90 प्रतिशत से अधिक विधायक इसका उपयोग भी करते हैं और विधानसभा में कागज के प्रयोग की संख्या कम हुई है।

    सतीश महाना ने कहा कि विधानसभा के सदस्यों को उनकी शैक्षणिक योग्यता और उनके व्यवसाय के आधार पर उनके समूह बनाकर उनके साथ भोजन पर संवाद भी किया गया, जिससे उनकी समस्याएं ज्ञात हुईं। इस प्रकार समूह बनाकर विधायकों के साथ संवाद करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि अध्यक्ष अपनी अपेक्षाओं से  अवगत कराते हैं और इससे सदन के संचालन में भी सहयोग रहता है। यह पूरे देश में एक अभिनव प्रयोग है, विशेष रूप से  विधायिका की बैठकें कम होने के दृष्टिकोण से माननीय सदस्यों के साथ इस प्रकार का संवाद विधायकों की उपादेयता को सिद्ध करेगा। अठारहवीं विधान सभा के गठन के पश्चात दोनों सत्रों में यह विशेष उपलब्धि रही कि सदन में स्थगन नहीं रहा और अधिक से अधिक प्रश्न सदन में लिए गए और कई बार सभी तारांकित प्रश्नों पर चर्चा हुई।

    देर रात तक संचालित की गई सदन की बैठकें

    महाना ने कहा कि विधायकों द्वारा वृहद् संख्या में याचिकाएं प्रस्तुत की गई, जिससे जनहित के कार्य सम्पन्न होंगे। इसके अतिरिक्त नियम-301 और 51 में भी विधायकों की सूचनाओं को स्वीकार किया गया। सदन की बैठकें देर रात तक भी संचालित की गई, जिससे सदन की कार्रवाई को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सका। उपर्युक्त के अतिरिक्त विधानभवन में कई क्षेत्रों में जीर्णाेद्धार किया गया। विशेष रूप से चित्र-वीथिका और कॉरिडोर की साज-सज्जा की गई साथ ही विधानसभा की गरिमा को सुनिश्चित भी किया गया।

     उत्तर प्रदेश विधानसभा की सुरक्षा की गई पुख्ता

    उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि सदन में हां और न लॉबी में भी जीर्णोंद्धार किया गया और कई कार्य प्रगति पर हैं। इसके अतिरिक्त अन्य कॉरिडोर्स में इस प्रकार से पुनरोद्धार किया गया। विधानसभा की गरिमा के अनुरूप अवस्थापना के संदर्भ में कतिपय अन्य कार्य किए जाएंगे। विधानसभा में एक्सेस कंट्रोल के सिस्टम स्थापित करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को संसद के समान बनाया गया, जिसका दूसरा चरण शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा। इस सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत सभी विधानसभा सदस्यों के वाहनों में ‘चिप’ के माध्यम से यह व्यवस्था की जाएगी के उनके वाहन बिना किसी रुकावट के अंदर का सकें।

    सभी विधायकों को दिया गया टैबलेट 

    यूपी विधानसभा अध्यक्ष महाना ने कहा कि सभी सदस्यों को ई-विधान योजना के अंतर्गत टैबलेट भी वितरित किए गए, जिसमें ई-विधान से संबंधित समस्त सॉफ्टवेयर और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराई गई। विधानसभा के सत्र के दौरान जिन सदस्यों की जन्मतिथि पड़ती है, उनको सदन के अंदर बधाई देने के परम्परा भी प्रारम्भ की गई है। आजादी के बाद देश की किसी भी विधानसभा में प्रथम बार महिला विधायकों के लिए एक विशेष उपवेशन सम्पन्न हुआ। सभी माननीय महिला सदस्यों द्वारा इस उपवेशन में भाग लिया गया एवं इसकी चर्चा पूरे देश में हुई।

    भविष्य में सम्पन्न होने वाले कार्यों की योजना

    उन्होंने कहा कि शीघ्र ही विधानसभा की कार्यवाही की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के संबंध में संसदीय पत्रकारिता पर एक गोष्ठी आहूत की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ पत्रकारों और वरिष्ठ राजनीतिक महानुभावों द्वारा इस पर चर्चा की जाएगी कि किस प्रकार से सदन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग निष्पक्ष रूप से और सकारात्मक रूप से की जा सके। देश में प्रथम बार इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

    यूथ पार्लियामेंट का किया जाएगा आयोजन

     उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के तत्वावधान में युवा संसद (यूथ पार्लियामेंट) आहूत किए जाने की भी योजना है, जिसमें युवाओं को आमंत्रित करके युवा संसद का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाएगा। इस युवा संसद की रूपरेखा को शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इस युवा संसद का मुख्य उद्देश्य यह होगा कि प्रदेश के युवा, संसद और उसकी कार्यवाही के प्रति संवेदनशील हों और उनको इस बात के लिए उत्साहित किया जा सके कि वे संसदीय जीवन में आने की भी अभिलाषा रखें। विधानसभा की प्रक्रिया और नियमावली की जटिलताओं के कारण नव-निर्वाचित विधायकों को उसको समझने में कठिनाई होती है, अतः यह योजना भी बनाई जा रही है कि विधानसभा की प्रक्रिया और नियमावली को सरलीकृत रूप में प्रकाशित कराकर सभी सदस्यों को वितरित कराया जाए, जिससे वे विधानसभा की नियमावली के विषय में भिज्ञ हो सकें और उसका निर्वहन कर सकें।