पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर रोजगार की गाड़ी भी भरेगी फर्राटा

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    लखनऊ : कोविड-19 (कोरोना) इस सदी का सबसे बड़ा वैश्विक संकट। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) रोकने के लिए देश व्यापी लॉकडाउन (Lockdown) लगा। सारी आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ गईं। इसका सर्वाधिक असर रोज कमाने खाने वालों पर पड़ा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) 24 करोड़ से अधिक जनसंख्या के कारण देश की सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश है। रोजी-रोजगार के लिए यहां के लोग बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों में रहते हैं। इनमें से 40 लाख लोगों की प्रदेश सरकार ने सुरक्षित और ससम्मान घर वापसी कराई। वापस आने वालों में से सर्वाधिक सघन आबादी के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश (Eastern Uttar Pradesh) के लोग ही अधिक थे।

     ऐसे में यहां के स्थानीय और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजी रोजगार की व्यवस्था उस समय प्रदेश सरकार के लिये बड़ी चुनौती थी। पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे (Purvanchal Expressway)

    इसका जरिया बनी। कोरोना काल में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए इस पर काम जारी रहा। इस दौरान 60 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित हुए थे। इसमें स्थानीय और दूसरे प्रदेशों से आए श्रमिकों को इसके निर्माण में रोजगार मिला। अब जब यह बनकर तैयार हो गया। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया है। ऐसे में इस एक्सप्रेस-वे के जरिए पूरे क्षेत्र में रोजगार की बहार आना तय है।

    एक्सप्रेस-वे के निर्माण में करीब 22 हजार करोड़ रुपए खर्च

    16  नवम्बर को इसके उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि अभी तो इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में करीब 22 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। आने वाले समय में इसीके जरिए इस क्षेत्र में लाखों करोड़ रुपए के निवेश आएंगे। योगी सरकार पहले से ही इस बाबत मुकम्मल कार्ययोजना तैयार कर चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि प्रदेश में बनने वाले हर एक्सप्रेस-वे के किनारों पर उस क्षेत्र के खास उत्पादों, कृषि जलवायु क्षेत्र और बाजार की मांग के अनुसार ओद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। भविष्य में इनके समानांतर सेमी स्पीड बुलेट ट्रेन भी चलाई जाएगी। 

    देश-दुनिया में बढ़ेगी ब्रांड यूपी की धमक

    पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर इस बाबत आठ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) चिन्हित किए गए हैं। यहां होने वाले उत्पाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स के जरिए देश-दुनिया में कम समय में सुरक्षित तरीके से पहुंच जाएंगे। इससे ब्रांड यूपी की पहचान और धमक भी बढ़ेगी। इनके उत्पादन से लेकर, ग्रेडिंग, पैकिंग, लोडिंग, अनलोडिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। इन्हीं वजहों से निर्माणाधीन बुंदेलखंड, गोरखपुर लिंक,पूर्वांचल-बलिया लिंक और गंगा एक्सप्रेस-वे के जरिए भी आने वाले समय में उस क्षेत्र के लोगों को रोजी-रोजगार मिलेगा। समग्रता में तब मुख्यमंत्री योगी के सपनों के अनुरूप नए भारत का नए उत्तर प्रदेश का सपना साकार होगा। 

    उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी

    उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। कोरोना के वैश्विक संकट और आर्थिक मंदी के बीच प्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक ऐसी उपलब्धी है जो योगी सरकार को खास बनाती हैं। कुछ समय पहले तक सूबे में बेहतर हुई कानून व्यवस्था को प्रदेश सरकार की मुख्य उपलब्धि माना जाता था, परन्तु अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और सुधरती हुई अर्थव्यवस्था के माध्यम से युवाओं के लिए उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहें हैं। योगी जी के कार्यकाल में प्रतिव्यक्ति आय बढ़ना, निर्यात में इजाफा होने और इलेक्ट्रानिक्स और अन्य उद्योगों के क्षेत्र में संसार की नामी कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए रजामंद करने से आज  यूपी में निवेश की तस्वीर तेजी से बदल रही है। जल्दी ही इस एक्सप्रेस-वे के समीप टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग और मैन्युफैक्चरिंग में यूपी में कई नई महत्वपूर्ण इकाइयां आएंगी, जो रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगी।