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    राजेश मिश्र

    लखनऊ : तकनीकी (Technology) और सख्ती के मामले में विगत कुछ माह से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का आबकारी विभाग (Excise Department) सरकार के मंशा के अनुरूप कदमताल कर रहा है। योगी सरकार (Yogi Government) की प्रशासनिक सख्ती के असर का आलम यह है कि सूबे में माफिया खुद थाने में जाकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं और शराब माफिया खुद शपथ पत्र देकर अपने इस गैरकानूनी धंधे से तौबा कर रहे हैं। तकनीकी के इस्तेमाल की हिमायती योगी सरकार विभागों को तकनीक से जोड़ने के लिए निर्देशित कर चुकी है ताकि सिस्टम को सटीक और पारदर्शी बनाने के साथ ही उसकी गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके। मंगलवार को आंगनबाडी महिलाओं को जहां उच्च तकनीकी से जोड़ने के लिए स्मार्टफोन (Smartphone) सीएम योगी के हाथों दिया गया, वहीं अब इस तकनीकी का प्रयोग आबकारी विभाग भी करने जा रहा है। ताकि एल्कोहल में मिलावट को रोका जा सके।      

    विगत माह से आबकारी विभाग ने विशेष चेकिंग अभियान के तहत जहां अवैध शराब के धंधे पर सख्ती करते हुए उसकी कमर तोड़ने का अभियान चला रखा है, वहीं अपने विभाग में भी इस धंधे को पनपने देने के जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की कर रहा है। आबकारी विभाग जहां एक तरफ सख्ती दिखाते हुए अवैध शराब के कारोबार पर नकेल लगा रहा है, वहीं विभाग की कार्यप्रणाली को मजबूत करने और उनको अपडेट करने के लिए भी प्रबंधन द्वारा उचित कदम उठाए जा रहे हैं। शिकायतों के लिए टोल फ्री नम्बर, मुखबिरी से बचने के लिए पुलिस नोडल अफसरों की तैनाती कर जिम्मेदारी तय करने की कवायद, गाड़ियों की खरीद और मिलावट से बचने के लिए “डिजिटल लॉक सिस्टम” जैसे आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। 

    एल्कोहल सप्लाई के दौरान “डिजिटल लॉक सिस्टम” से ट्रकों में होने वाली मिलावट को रोकने की तैयारी

    शासन के सूत्रों के मुताबिक, शुगर मिल से डिस्ट्रीयलिरी और डिस्ट्रीयलिरी से डिस्ट्रीयलिरी के बीच ट्रकों से सप्लाई होने वाले एल्कोहल में होने वाली मिलावट से बचने के लिए आबकारी विभाग एक नया प्रयोग करते हुए “डिजिटल लॉक सिस्टम” लागू करने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, डिजिटल लॉक  सिस्टम की तैयारी करीब करीब पूरी की जा चुकी है और यह अगले एक से डेढ़ माह के अंदर एल्कोहल सप्लाई करने वाले ट्रकों में लगा दिया जाएगा।

    नहीं हो सकेगी मिलावट

    यह डिजिटल लॉक सिस्टम क्या होगा और यह कैसे काम करेगा इस बात की सटीक जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन जानकार बताते हैं कि इसकी 2 चाभियां होंगी जिसमें एक लोडिंग अफसर के पास और दूसरी अनलोडिंग सेंटर पर होंगी। ऑनलाइन कोडिंग के साथ डिजिटली कनेक्ट होने के कारण बीच रास्ते में ट्रक से एल्कोहल नहीं निकाला जा सकेगा और न ही उसमें किसी तरह की मिलावट की जा सकेगी। इसमें महत्वपूर्ण यह बताया जा रहा है कि यह चाभी तभी फंक्शन में आएगी जब लोड ट्रक अनलोडिंग सेंटर के अंदर होगा। इसके अलावा यदि एक साथ अनलोडिंग सेंटर पर कई ट्रक आ जाते हैं और उनके डिजिटल लॉक को एक ही चाभी से खोलना हो तो इसके लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट भेजकर कोड लेना पड़ेगा फिर खोला जा सकेगा।

    अवैध कारोबार पर रोक लगेगी 

    बताते चलें कि ट्रकों से सप्लाई के दौरान ड्राइवरों की मिलीभगत से एल्कोहल को निकाला जाता है और फिर उसमें यूरिया आदि की मिलावट करके मात्रा को पूरा कर दिया जाता है। इस नए डिजिटल लॉक सिस्टम से इस अवैध कारोबार पर रोक लगेगी और शराब से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।

    शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर जारी करने की तैयारी

    सूत्रों के मुताबिक, आबकारी विभाग जल्द ही एक टोल फ्री नंबर जारी करने जा रहा है जिससे कि अवैध शराब के धंधे की जानकारी और शिकायत लोगों द्वारा प्राप्त की जा सके और उस पर उचित कर कार्रवाई भी की जा सके। इसके अलावा शराब के अवैध ठिकानों पर छापेमारी की मुखबिरी से बचने के लिए जिम्मेदारी तय करने की तैयारी की जा रही है।

    जिम्मेदारी तय करने की तैयारी

    इसके लिए पुलिस विभाग की तरफ से एक नोडल अफसर की तैनाती के लिए तैयारियां की जा रहीं हैं ताकि सूचना लीक होने की जिम्मेदारी भी तय की जा सके और अवैध धंधे पर कार्रवाई की जा सके। कई बार यह देखने में आया है कि शराब के अवैध निर्माण स्थल पर छापेमारी से पहले ही सूचना लीक हो जाती है और छापेमारी का मिशन फेल हो जाता है। इस मुखबिरी का आरोप कभी पुलिस पर लगता है तो कभी आबकारी विभाग पर। ऐसे में प्रबंधन द्वारा लिया गया यह निर्णय कारगर माना जा रहा है।  

    आबकारी कर्मियों के कामों में गुणवत्ता लाने में भी उठाए जा रहे कदम

    इसके अलावा शासन के सूत्रों के मुताबिक, सरकार को आबकारी विभाग के लिए बड़ी संख्या में गाड़ियां उपलब्ध कराने के लिए भी लिखा गया है। जिनकी संख्या 200 के करीब बताई जा रही है। बताया जा रहा है की सुधार के इन कदमों से जहां अवैध धंधे के तोड़ने के लिए आबकारी विभाग और मजबूत होगा वही इस अवैध शराब की बिक्री रोकने से मौत की घटनाओं पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। साथ ही साथ इसका प्रभाव सरकार के रेवेन्यू पर भी सकारात्मक होगा।