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    लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) अब धान खरीद (Paddy Purchasing) की रफ्तार बढ़ाने के साथ ही किसानों (Farmers) का भुगतान तुरंत कराने के निर्देश दिए हैं। योगी सरकार इस बार धान खरीद में नया रिकॉर्ड (New Record)बनाने की तैयारी में है। किसानों को धान क्रय केन्द्रों पर कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

    वहीं कृषि उत्पादन आयुक्त भी धान खरीद और भुगतान पर रोजाना समीक्षा करेंगे। सरकार ने इस बार किसानों को जगह-जगह धान क्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकें इसलिए पिछली बार के मुकाबले 139 धान क्रय केन्द्रों को बढ़ाने का फैसला लिया है। प्रदेश के 72 जिलों में 4370 धान क्रय केन्द्रों पर धान खरीद की जा रही है। 

    किसी भी केन्द्र पर धान बेचने की सुविधा 

    योगी सरकार की मंशा किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने की है। बिचौलियों का प्रभाव खत्म करने के लिए सरकार ने कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के तहत सीधे किसानों से पारदर्शी धान खरीद का लाभ दे रही है। किसानों को इच्छानुसार किसी भी केन्द्र पर धान बेचने की सुविधा दी गई है। यही नहीं किसानों को धान के मूल्य का भुगतान भी उनके खातों में 48 घंटों के अंदर किया जा रहा है। 

    रोजान दी जाए रिपोर्ट

    सरकार ने किसानों को समयबद्ध तरीके से धान खरीद का समय से भुगतान हो सके इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सौंपी है। शासन की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि धान क्रय केन्द्रों पर जिलाधिकारी स्वयं निरीक्षण करें। जिससे धान क्रय केन्द्रों पर खरीद के अलावा किसी भी तरीके की अव्यवस्था न होने पाए। निर्देश में कहा गया है कि धान खरीद केंद्रों पर तैनात नोडल अधिकारियों को भी एक्टिव करके उनसे रोजाना रिपोर्ट ली जाए जिससे शासन स्तर पर तैयारी और परिणामों की समीक्षा की जा सके। 

    यूपी सरकार ने 139 धान खरीद केन्द्र बढ़ाए 

    गौरतलब है कि किसानों के हितों का ध्यान रखने वाली यूपी सरकार ने इस साल धान खरीद के लिए प्रदेश में 139 केन्द्र बढ़ाए हैं। प्रदेश में कुल 4370 धान क्रय केन्द्र खोले गये हैं, जबकि पिछले साल इनकी संख्या 4231 थी। प्रदेश के 72 जिलों के 4400 धान क्रय केन्द्रों पर तेजी से धान खरीदा जा रहा है। सरकार की सख्ती की वजह से प्रदेश के क्रय केन्द्रों में किसानों का धान आसानी से खरीदा जा रहा है। सरकार की ओर से की गई व्यवस्थाओं से किसान भी खुश हैं। वे इच्छानुसार धान केन्द्रों पर पहुंचकर अपनी फसल बेच रहे हैं।