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-राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (Prime Minister Kisan Samman Nidhi) पाने से वचिंत रह गए किसानों (Farmers) को भी इसका लाभ दिलाया जाएगा। अभियान चला कर छूटे गए लोगों को योजना से जोड़ा जाएगा, बल्कि उन्हें सम्मान निधि की पुरानी किश्तें भी दिलायी जाएंगी। उत्तर प्रदेश में किसानों के बैंक खातों को आधार कार्ड से जोड़ने, ई-केवाईसी और भू-लेख अंकन के लिए वृहद संतृप्तीकरण अभियान की शुरुआत करते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि जिन किसानों को अब तक किसान सम्मान योजना का लाभ किसी वजह से नही मिला होगा उनके पात्र पाए जाने पर पिछली किस्ते भी मिलेंगी। इस मौके पर उन्होंने किसानों के लिए खास बनाए गए दर्शन पोर्टल की भी शुरुआत की जिसके जरिए विभिन्न सेवाओं और अनुदान के लिए पंजीकरण किया जाएगा।

इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह बृहद अभियान किसानों को सम्मान देने का महाअभियान हैं। इस अभियान से जुड़ी सभी संस्थाएं इसे बृहद पैमाने पर लगकर पूरा करेंगी। इससे किसानों की ओर से आने वाली शिकायतों का समाधान होगा और उम्मीद है कि 10 जून के बाद यूपी का कोई किसान इस प्रकार की शिकायत नहीं करेगा कि मैं इस योजना के लाभ से वंचित रह गया।

प्रदेश में 2.63 करोड़ किसानों को मिल रहा लाभ 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग मे आज व्यापक बदलाव हो रहे है जिसका लाभ अन्नदाता किसान को मिल रहा है। आज से शुरु हुआ वृहद अभियान 10 जून तक चलेगा। इस दौरान जो शिकायते मिलेंगी उनका निस्तारण भी तत्काल होगा। विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनके यहां किसान श्रमिकों के नाम के नारे लगते थे, लेकिन उन्हे कभी शासन की योजनाओं का लाभ नही दिलवाया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मे दिसंबर 2018 में प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए सम्मान निधि का एलान किया था और आज प्रदेश में 2.63 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल रहा है। योजना के तहत अब तक 55,000 करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। अब संतृप्तीकरण अभियान के जरिए सभी पात्र किसानों को इसका लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश की सभी 55,000 ग्राम पंचायतों में यह अभियान चलाया जाएगा।

 ई-केवाईसी के दौरान इन लोगों को किया गया बाहर

गौरतलब है कि हाल ही में ई-केवाईसी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने दस लाख से ज्यादा अपात्र लोगों को खोजकर उन्हें किसान सम्मान निधि पाने वालों की सूची से बाहर किया है। इनमें आयकर दाता, पेंशनभोगी और सरकारी नौकरी करने वाले शामिल थे। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसान बन कर योजना का लाभ लेने वालों में सरकारी कर्मचारी, आयकर रिटर्न भरने वाले और 10,000 रुपए से ज्यादा की पेंशन पाने वाले तक शामिल थे। हाल ही प्रदेश सरकार ने पीएम सम्मान निधि पाने वाले 2.63 करोड़ किसानों का सत्यापन कराया तो इस तरह के किसानों की पहचान हो पाई है। उन्होंने कहा कि ई-केवाईसी कराए जाने के बाद 2.63 करोड़ में से 10 लाख इस तरह के किसान बाहर कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी, भूलेख अंकन, खाते को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया हैं।