farmers
File Photo

    Loading

    लखीमपुर खीरी: केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को हटाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने संबंधी एक कानून बनाये जाने समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का धरना जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद शनिवार को समाप्त हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता राकेश टिकैत ने यह जानकारी दी।

    किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि छह सितंबर को दिल्ली में एक बैठक के दौरान एसकेएम की भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी। एसकेएम द्वारा प्रस्तावित रोड मार्च, केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा को हटाने और एमएसपी पर कानून की मांग को लेकर धरना शनिवार दोपहर बाद समाप्त हो गया।

    जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सफल बातचीत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसानों की बैठक आयोजित करने का आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना धरना शनिवार को समाप्त कर दिया। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी अपराह्न लगभग 2.30 बजे धरना स्थल पर पहुंचे और किसानों का ज्ञापन प्राप्त किया जिसके बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया।

    जिला प्रशासन ने जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर शहर की सड़कों पर मार्च नहीं निकालने दिया। एसकेएम ने बृहस्पतिवार सुबह लखीमपुर शहर के राजापुर मंडी समिति में अपना धरना शुरू किया था। एसकेएम ने गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने, जेलों में पड़े निर्दोष किसानों की रिहाई, एमएसपी गारंटी कानून, बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने, गन्ना बकाये का भुगतान और सरकार के भूमि अधिकार समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया था।

    लखीमपुर खीरी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का पैतृक जिला है और वह खीरी से लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद हैं।  गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में अजय मिश्रा के गांव जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध करने के दौरान तिकोनिया गांव में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे। इस मामले में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को बतौर मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार किया गया है।

    किसानों की मांग है कि इस मामले को लेकर अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के प्रमुख किसान नेताओं, एसकेएम कोर कमेटी के सदस्य दर्शन सिंह पाल, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव आदि ने आंदोलन में हिस्सा लिया। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर ने पहले दिन ही धरने को संबोधित किया। इससे पहले आज दिन में राकेश टिकैत, जोगिंदर सिंह उग्रा, दिलबाग सिंह संधू, रंजीत सिंह राजू, रविंदर सिंह पटियाला, गुर अमनप्रीत सिंह मंगत सहित एसकेएम नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस उपमहानिरीक्षक अखिलेश चौरसिया, जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह समेत आला अधिकारियों के साथ मंडी समिति कार्यालय में बैठक की थी।

    इस बीच, एसकेएम कोर कमेटी के सदस्यों तजिंदर सिंह विर्क और डॉ आशीष मित्तल सहित अन्य सदस्यों ने आंदोलन में शामिल किसानों को बताया कि धरना समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एसकेएम ने मांगों को लेकर जिला प्रशासन को दो ज्ञापन सौंपें जिनमें से एक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित था।

    एसकेएम नेताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में एसकेएम ने चार अक्टूबर, 2021 को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) नेता राकेश टिकैत और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के बीच हुए समझौते को पूरी तरह से लागू करने की मांग की है। टिकैत ने शुक्रवार को देश के किसानों से आह्वान किया था कि वे अपने मुद्दों के समाधान के लिए बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहें। उन्होंने धरने को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘राष्ट्रव्यापी आंदोलन कब, कहां और किस तरह से होगा, एसकेएम के नेता उचित समय पर इस बारे में जानकारी देंगे।” (एजेंसी)