गोरखपुर. उत्तर प्रदेश सरकार में पांच बार कैबिनेट मंत्री रहे पंडित हरिशंकर तिवारी निधन हो गया। उनकी उम्र 91 वर्ष थी। मंगलवार की शाम अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन की सूचना मिलते ही धर्मशाला स्थित उनके आवास और गोरखपुर हाता पर समर्थकों की भीड़ जुट गई है।
गोरखपुर जिले के बड़हलगंज थाना क्षेत्र के टांडा गांव निवासी तिवारी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे। तिवारी ने 1985 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। बाहुबली कहे जाने वाले हरिशंकर तिवारी उस समय जेल में बंद थे। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये। उसके बाद 2002 तक वह लगातार छह बार निर्वाचित हुए। हालांकि, 2007 के विधानसभा चुनाव में वह पराजित हो गये।
चिल्लूपार विधानसभा के कई बार विधायक रहे उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री पण्डित हरिशंकर तिवारी का गोरखपुर में निधन हुआ। pic.twitter.com/6xGNRyAlYP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 16, 2023
तिवारी कांग्रेस पार्टी के अलावा कांग्रेस (तिवारी) और अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस में रहे। वह अखिल भारतीय लोक तांत्रिक कांग्रेस के लंबे समय तक अध्यक्ष भी रहे। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के नेता के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले हरिशंकर तिवारी कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, मायावती और मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व की उत्तर प्रदेश सरकार में 1997 से 2007 तक लगातार कैबिनेट मंत्री भी रहे।
तिवारी के दो पुत्र हैं… भीष्म शंकर तिवारी पूर्व में संत कबीर नगर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं और छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी अपने पिता की परंपरागत सीट चिल्लूपार से पिछली विधानसभा (2017-2022) तक बहुजन समाज पार्टी से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पूर्वांचल की राजनीति में कभी खासा दबदबा रखने वाल तिवारी के निधन की खबर से उनके क्षेत्र में शोक की लहर है। (एजेंसी इनपुट के साथ)