मातृ मृत्यु दर में कमी लाने हेतु पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है सरकार: डिप्टी सीएम केशव मौर्य

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    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) कहा कि मातृ मृत्यु (Maternal Death) दर और शिशु मृत्यु (Infant Death) दर में कमी लाने के लिए सरकार बहुत ही संवेदनशीलता  और पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है। मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की सरकार की प्रतिबद्धता और संकल्पबद्ध उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लिए देश और प्रदेश की सरकार द्वारा महत्वपूर्ण और प्रभावी कदम उठाए गये हैं। केशव प्रसाद मौर्य होटल ताज लखनऊ में फेडरेशन आफ ओबैस्ट्रिक एंड गाइनेकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा मातृ दर में कमी लाने के उद्देश्य से आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

    इस कार्यशाला में प्रसव उपरांत रक्तस्राव होने से बचाव एवं इलाज के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसवोपरांत रक्तस्राव होने से  मृत्यु दर कम करने के संबंध में बचाव और इलाज की जानकारी के लिए जो प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। निश्चित ही सराहनीय है। इससे मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में काफी मदद मिलेगी।

    पिछले 10 वर्षों में मातृ मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की कमी

    कहा कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1 लाख प्रसव में देश में 103 महिलाओं की मृत्यु हो जाती हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा का कार्यक्रम देश में चलाया गया चलाया जा रहा है। जिसमें लाभार्थियों को रुपए 6000 की धनराशि उनके खाते में दिए जाने का प्रावधान है। इससे माताओं और शिशु के पोशाक आहार मिलने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत प्रत्येक महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को चिकित्सीय परामर्श किया जाता है। उन्होंने कहा यह उत्साहजनक बात है कि पिछले 10 वर्षों में मातृ मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की कमी आई है और इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सराहना भी की गई है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत भी सरकारी सहायता इस हेतु प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा जिस तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके बहुत ही सार्थक परिणाम निकलेंगे। ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार हमेशा तैयार है। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि प्रसवोपरांत रक्तस्राव अधिक मृत्यु दर का प्रमुख कारण है और पीपीएचईएमसी प्रोजेक्ट के तहत अस्पतालों मे पीपीएच रोकने की ट्रेनिंग दी गई। जिसके उत्साहजनक परिणाम निखर कर सामने आए हैं।

    प्रतिनिधियों और डॉक्टरों ने अपने प्रेरक विचार व्यक्त किए

    इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट, केजीएमयू लखनऊ, लखनऊ के मेडिकल कॉलेजों के विभागाध्यक्ष, बीएचयू, अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ अन्य संस्थाओं के जाने-माने प्रतिनिधि और डॉक्टरों ने अपने प्रेरक विचार व्यक्त किए। डॉक्टर प्रीति कुमार ने सभी के प्रयासों की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि हम सब लोगों के सामूहिक प्रयास से प्रसवोपरान्त रक्तस्राव होने पर मृत्यु दर में कमी लाने में हम सब कामयाब होंगे।