लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) के अध्यक्ष सतीश महाना (Satish Mahana) ने कहा है कि विधानसभा (Assembly) में एक से एक योग्य सदस्य हैं। भाषण देने वालों को भाषण सुनाना सबसे कठिन काम है। इस लिए विधानसभा के प्लेटफार्म का उपयोग करें। आप अपनी प्रतिभा से जनता को आप कैसे लाभ दे सकतें हैं, इस पर काम करने की और जरुरत है। हम 5 साल में उनके हित के लिए अधिक से अधिक विकास के कार्य कराएं जिससे जिले में आपकी एक अलग पहचान बनें। साथ ही विधायक (MLA)इस बात का भी प्रयास करें कि देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की छवि को और कैसे निखारा जा सके।
सतीश महाना ने कहा कि सीखने की कोई समय सीमा नहीं होती है। हमारी जो संवैधानिक व्यवस्था है उसकी जानकारी आम जनमानस को नहीं है। हम सबको मिलकर उत्तर प्रदेश की छवि को बदलने का काम करना है। धीरे-धीरे प्रदेश की छवि बदल रही है, नए विधायकों को और बेहतर बनाने का काम करना है। यह बात विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानभवन हाल में उन सदस्यों से कही जो व्यवसायिक रूप से इंजीनियरिगं और प्रबन्धन के क्षेत्र से जुड़े हुए है।
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उन्होंने कहा कि जनता में आप की छवि और योग्यता क्या है। इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है। देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश का परसेप्शन कैसे बदलें और यहां की बेहतरीन छवि बनाने के प्रयास हम सभी को मिलकर करना है। महाना ने कहा कि आप लोग अधिकारियों के साथ बैठक में विश्वास के साथ जाए और उन पर प्रभाव कैसे रखें, इस पर विचार करने की जरूरत है। आप अपने अनुभव को अधिकारियों के साथ मीटिंग में रखें, जिससे आपकी प्रतिभा का लाभ जनता को मिल सके। उन्होनें कहा कि जिस जिले में आप रहते हैं उस जिले की विधानसभा में आप कैसे अलग दिख सकते है। इस पर भी ध्यान रखने की जरुरत है। जिससे अधिकारियों को अनुभव हो सके की आप उससे अधिक जानकारी रखते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जहां आप बैठें, वहां आपकी अलग पहचान बने। हम चाहते है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की नई पहचान बने क्योंकि अब जनता में बदलाव आ रहा है। विधानसभा सदस्यों को इस बात देने की जरूरत है कि हम हम पांच साल में जनता के लिए क्या कर सकते हैं विधायक समूहों की इस तरह की बैठकों के पीछे यही मंशा है और जल्द ही इसका सार्थक परिणाम देखने को मिलेगा।
वरिष्ठ विधायक आलम बदी ने कहा कि 66 साल पहले इंजीनियरिंग किया था और भूल गया था कि मैं इंजीनियर हूं, लेकिन आज अध्यक्ष ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसका लाभ विधानसभा और जनता को अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम प्रोटोकाल की तो बात करतें है पर हमें भी उदार होना चाहिए। इस बात पर विचार करना होगा कि हमारा व्यवहार समाज में कैसा है। हम समाज में जैसा व्यवहार करेंगे हमें वैसा ही व्यवहार मिलेगा।
समाजवादी पार्टी के विधायक सचिन यादव ने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठक के पहले तैयारी करने का लाभ मिलता है। हमे इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। हम सब लोग में अधिकारियों में सलाह देने की कमी है। उन्हें विधायकों से सलाह की जरूरत है जो सरकार के काम आ सके।
वरिष्ठ भाजपा विधायक नीरज वोरा ने सुझाव दिया कि हम सबको अपने अधिकारों को जानना होगा। हम अपने क्षेत्र में एक योजना के तहत करते हैं जिससे हमारी विधानसभा में सबसे अधिक फंड आता है और इसका लाभ क्षेत्र को मिलता है। संवाद कार्यक्रम में उपस्थित सपा विधायक अमिताभ वाजपेई ने कहा कि अधिकारी कई बार समस्याओं को हल करने से बचते है और उनकी मंशा रहती है कि जनता विधायक को ही दोषी माने। वाजपेई ने सुझाव दिया कि जन समस्याओं के लिए सभी विधायक व्हाटसअप ग्रुप बना लें जिससे अधिकारियों का आपसी समन्वय बना रहे।
बीजेपी विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने कहा कि अधिकारियों की तरफ से प्रोटोकाल नहीं मिलता जिसके कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है पर इधर बदलाव देखने को मिल रहा है। बीजेपी विधायक हर्षवर्धन वाजपेई ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आपने विधासभा सत्र में बोलने का मौका दिया। जिसके कारण हमारे क्षेत्र में थाना बनना शुरू हो गया जो कई वर्षों से लंबित था। उन्होनें सुझाव दिया कि सत्र के दौरान कई बार बिल पास हो जाते है पर सदस्यों को इसे पढ़ने को नहीं मिलता। इसी तरह के उन्होंने कई सुझाव दिए।
बीजेपी विधायक संजय कुमार शर्मा ने कहा कि इस बार नई तरह की विधानसभा देखने को मिल रही है, लेकिन अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने की जरूरत है। अधिकारी अपने पुराने सिस्टम से बाहर नहीं आना चाहते है।उन्होने सुझाव दिया कि अधिकारी सप्ताह अथवा एक महीने में सदस्यों से मिलकर मीटिंग अवश्य करें। बीजेपी विधायक अजय सिंह ने अफसरशाही को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि हमे लकीर की फकीर की परंपरा को बदलना होगा क्योंकि भौगोलिक स्थितियां बदली है जिसमें बदलाव की जरूरत है। बीजेपी विधायक शशांक त्रिवेदी ने कहा कि मेरे भाई अमेरिका से आए थे उन्होंने यहां की विधानसभा और अध्यक्ष से मिलने के बाद उनके व्यवहार की सराहना की और यह भी कहा कि राजनीति में अब धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है।
संवाद कार्यक्रम में कई विधायकों ने विधान सभा अध्यक्ष से कहा कि आप अपने आप में एक विश्वविद्यालय है भले ही हम लोग डिग्री होल्डर है। इस मौके पर टी.राम. ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का संवाद कार्यक्रम एक अच्छी शुरूआत है। हम सबको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अपनी इमेज को और कैसे बेहतर बनाएं। अपना दल (एस) की विधायक डॉ. सुरभि ने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र में गूगल एप के उपयोग से पाठशलाओं में अध्यापकों की उपस्थिति का अवलोकन किया जो काफी समय से अनुपस्थित थे, उन्हें सचेत किया। संवाद के इस कार्यक्रम में अनिल कुमार त्रिपाठी, उमर अली, सुहेब उर्फ मन्नू अंसारी, डा. सुरभि, मुकेश चौधरी, अनुराग सिंह, इंजीनियर बृजेश कठेरिया, वीरेन्द्र चौधरी सहित अन्य सदस्यों ने अपने अपने सुझाव दिए।
विशेष रूप से बुलाए गए एचबीटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि इंजीनियरिगं और मैनेजमेंट से जुड़े विधायक बदलाव ला सकते हैं। अगले 20 साल बदलाव का संकेत है जिसके पास डेटा होगा वो राज करेगा और उतना ही पावरफुल और डिसीजन मेकिंग होगा। गैर सरकारी संगठनों और सोशल इंपावरमेंट पर काम करने वालों से भी हम मदद ले सकते हैं। इसके साथ ही अन्य राज्यों में क्या हो रहा है उन पर भी निगाह रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अपने प्रदेश में मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट है जहां पर जाकर और अधिक सीखने को मिल सकता है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने कहा कि कम समय में ही विधानसभा अध्यक्ष ने यूपी को एक नई पहचान बनाने का काम किया है। अब देश की विधान सभाओं में बदलाव की चर्चा होगी तो उसमें अध्यक्ष का मुख्य भूमिका की चर्चा जरूर होगी।