Keshav Prasad Maurya
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के नेतृत्व और निर्देशन और उनकी पहल पर प्रदेश में प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकासखंड की दो ग्राम पंचायतों में आयोजित की जा रही ग्राम चौपालों (Gram Chaupals) के सुखद और बेहतर परिणाम निखर कर सामने आ रहे हैं। ग्राम चौपालों का आयोजन कर जहां लोगों की समस्याओं को सुना और सुलझाया जा रहा हैं, वहीं लाभार्थीपरक और सोशल सेक्टर (Social Sector) की योजनाओं सहित अन्य विकास और निर्माण कार्यों की जमीनी हकीकत को समझा जा रहा हैं। 

यही नहीं चौपाल से पूर्व वहां संचालित योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया जा रहा हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों-कर्मचारियों और ग्राम स्तरीय कर्मचारियों की उपस्थिति में ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा रहा हैं। 

ग्रामीणों में ग्राम चौपालों के प्रति बढ़ा उत्साह

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम चौपालों के प्रति गांवों मे बहुत ही उत्साह हैं और उनके उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा इसी तरह से प्रत्येक शुक्रवार को निर्धारित रोस्टर के अनुसार ग्राम चौपालों का आयोजन किया जाता रहेगा और ग्राम चौपालों में उच्च स्तर पर भी विभागीय अधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं और जनप्रतिनिधियों को भी चौपालों में आमंत्रित करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

ग्रामीणों की समस्याओं का गांवों में ही हो रहा हल

मौर्य ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को प्रदेश सरकार उनकी चौखट पर ही सुलझा रही हैं। पंचायती राज व्यवस्था की मूल भावना को प्रतिबिंबित करती इस व्यवस्था के पीछे मंशा यह है कि विकास योजनाओं को सुदूर गांवों तक पहुंचाया जा सकें और क्रियान्वयन से लेकर निगरानी तक की व्यवस्था गांव के स्तर पर हो सकें। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा ग्राम चौपालों से वापस आने के बाद फीड बैक भी लिया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में आयोजित ग्राम चौपालों से पूर्व सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा ग्राम में चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया जा रहा हैं।

बुनियादी सुविधाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने में मिल रही मदद 

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इन चौपालों से विवादों के निस्तारण तो ही रहा है और कृषि, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी मूलभूत और बुनियादी सुविधाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने में मदद मिल रही हैं। चौपालों में उत्साह का गांव में ऐसा माहौल बन रहा है कि सरकार यकीनन गांव और गरीबों के द्वार पहुंच रही है। चौपाल से पूर्व गांव का निरीक्षण कर विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत को परखना भी चौपालों के एजेंडे में रखा गया हैं, यही नहीं सोशल सेक्टर की योजनाओं व लाभार्थीपरक योजनाओं का क्रियान्वयन भी धरातल पर देखना और क्रियान्वयन कराना भी चौपालों का मूल मकसद हैं।

महिला स्वावलंबन के खुल रहे नये द्वार

महिला सशक्तीकरण और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार सृजन के संबंध में भी मंथन इन ग्राम चौपालों में किया जा रहा है, ताकि सामुदायिक विकास संभव हो और गांव सुशासन और स्वशासन की ओर अग्रसर हो सकें। 

हर हुनर को काम

गांवों से युवा शक्ति के पलायन को रोककर उन्हें उनके कौशल और हुनर के अनुरूप रोजगार और काम दिलाना भी ग्राम चौपालों के मूल में है। मौर्य ने बताया कि पंचायत स्तर पर अच्छा कार्य करने जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों का ग्राम्य विकास विभाग जहां कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ा रहा हैं, वहीं ग्रामीणों ,खासतौर से युवाओं में जनसेवा की भावना भी बलवती हो रही है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश की 17 हजार  से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 1 लाख 20 हजार ब्लॉक और ग्राम स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्राम चौपालों में प्रतिभाग किया। ग्राम चौपालों में 14 लाख से अधिक ग्रामीणों ने सहभागिता की, जिसमें से 1 लाख से ऊपर संदर्भों का निस्तारण मौके पर ही किया गया। 

पीएम के संसदीय क्षेत्र से ग्राम चौपालों का हुआ शुभारंभ 

गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पहल पर और उनके नेतृत्व व निर्देशन में नए वर्ष की शुरुआत से एक दिन पहले  ‘गांव की समस्या-गांव में समाधान’ नाम से गांव की चौपालों की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से की गयी।