Gulabi Meenakari Craft

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    वाराणसी: गुलाबी मीनाकारी (Gulabi Meenakari Craft ) अपनी खूबसूरत कारीगरी से जहां पूरी दुनिया में धूम मचा रही है। वहीं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित हो रही है। सरकार की समर्थ योजना के अंतर्गत महिलाओं को गुलाबी मीनाकारी का हुनर सिखाया जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) विदेश यात्रा के दौरान अपने ख़ास मेहमानों को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनी ग़ुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार (Gift) स्वरुप देते है। जिससे इस जीआई उत्पाद की मांग देश और विदेश में बढ़ती जा रही है। ग़ुलाबी मीनाकारी से दूर हो रहे शिल्पी अब प्रशिक्षण लेकर एक बार फिर इस प्राचीन कला से जुड़ रहे हैं।जी.आई.उत्पाद और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल गुलाबी मीनाकारी की ख़ूबसूरती कायल पूरी दुनिया होती जा रही।

    सहायक निदेशक हस्तशिल्प अब्दुल्ला ने बताया कि  सरकार गुलाबी मीनाकारी का हुनर  सिखाने के लिए समर्थ नाम से  प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है। जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। समर्थ नाम से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम 65 दिनों का होता है। जिसमें सरकार प्रशिक्षुओं को 300 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि भी देती है। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम वस्त्र मंत्रालय द्वारा कराया जा रहा है। 

    अभी तक 60 महिलाएं प्रशिक्षण ले चुकी हैं

    सहायक निदेशक ने बताया कि 2 अक्टूबर 2021 से प्रशिक्षण का कार्यक्रम चल रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाएं शामिल हो रही है। अभी तक 60 महिलाएं प्रशिक्षण ले चुकी है। जिसमें सीधे तौर पर करीब 70 प्रतिशत महिला काम करके आत्मनिर्भर बन रही है, जबकि बाकी पार्ट टाइम काम करके कमाई कर रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता इसी बात से लगाई जा सकती है की इसमें वेटिंग लिस्ट चल रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम को पुख्ता बनाने के लिए के बायोमेट्रिक अटेंडेंस, वीडियोग्राफ़ी कराई जाती है। जिसमे 80 प्रतिशत अटेंडेंस अनिवार्य है। टीम प्रशिक्षुओं का असेसमेंट करने के बाद पास करती है तभी  प्रोत्साहन राशि और सर्टिफिकेट दिया जाता है। 

    हस्त शिल्पियों के हुनर की मांग बढ़ी

    प्रशिक्षण दे रहे नेशनल अवार्डी कुंज बिहारी ने बताया कि प्रधानमंत्री अपने विदेशी मेहमानों को ग़ुलाबी मीनाकारी का नायब तोहफ़ा जरूर देते और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लोगों को उपहार देने और लोगों से जी. आई. और ओडीओपी को उपहार स्वरूप देने की अपील करने से हस्त शिल्पियों के हुनर की मांग बढ़ी है। और गुलाबी मीनाकारी को संजीवनी मिली है।