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    नई दिल्ली: ज्ञानवापी (Gyanvapi Masjid) मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस मामले में वाराणसी (Varanasi) की सिविल कोर्ट (Civil Court) ने अपना दोनों पक्षों की तमाम दलीले सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है। बताना चाहते हैं कि पूरे केस में तीन दिनों तक एक-एक तथ्य ध्यान से सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर को नहीं हटाया जाएगा। 

    ज्ञात हो कि कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर के साथ दो और वकील को भी सर्वे कमेटी में शामिल कर दिया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे 17 मई से पहले कराने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने आज अपने फैसले में 17 मई को सर्वे की अगली रिपोर्ट देने की बात भी कही है। कोर्ट ने सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे करने के लिए कहा है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि 17 मई तक राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सर्वे पूरा किया जाए।

    ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि कोर्ट ने फैसला दिया है कि कमिश्नर अजय मिश्रा नहीं बदले जाएंगे और साथ में ताला खोलकर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने 17 मई तक रिपोर्ट मांगी हैं। अगर कार्रवाई में कोई विरोध करता है तो उस पर FIR करने के आदेश दिए हैं।

    गौर हो कि अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर हुई थी। लेकिन तीन दिन तक बहस चलने के बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन ने बुधवार यानि 11 मई को फैसला सुरक्षित रखा था। इस पूरे मामले में विशाल सिंह को सहायक कमिश्नर नियुक्त किया गया है।