उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की 5 वर्ष की कार्य योजना को किया गया तैयार: केशव प्रसाद मौर्य

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के कुशल दिशा-निर्देशन में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का 5 साल की कार्य योजना/ रोड मैप (Road Map) तैयार  किया गया है। तैयार की गई कार्य योजना के तहत प्रदेश में 17 क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा एवं परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी । खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए 45 इक्यूवेशन सेंटर्स की स्थापना की जाएगी और 11 मेगा फूड /एंग्री प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रों पर  21, 000 उद्यमियों /किसानों को  प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

    उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के हर संभव प्रयास करें और इस क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजन किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना(पीएमएफएमई) के अंतर्गत 41,336 इकाइयों की स्थापना / उन्नयन उनका कार्य किया जाएगा।  इस योजना में 70 प्रतिशत मौजूदा उद्यमों का उन्नयन/ विस्तारीकरण किया जाएगा और 30 प्रतिशत  नए उद्यमों का जनपद के लिए चयनित ओडीओपी के अनुसार स्थापना कराई जाएगी।

    50 परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान

     प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार के प्रयासों से भारत सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेशकों को धनराशि 1116.08 करोड़ रुपए निवेश करने के लिए 50 परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 48 में निवेश प्रारंभ है  और इनमें  एक लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा और प्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को आधुनिकतम अवस्थापना सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। 

    अनुदान दिए जाने की सुविधा 

    प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क की स्थापना ,इंटीग्रेटेड कोल्ड चैन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, क्रिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर ,क्रिएशन/ एक्सपेंशन ऑफ फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन कैपेसिटीज, क्रिएशन आफ बैकवर्ड एंड फॉरवार्ड लिंकेजेज जैसी परियोजनाएं संचालित की जाने का प्राविधान है। मेगा फूड पार्क की स्थापना में परियोजना लागत का 50% अधिकतम 50 करोड़ रुपए तक अनुदान दिए जाने की सुविधा है ।इंटीग्रेटेड कोल्ड चैन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत भंडारण अधोसंरचना के लिए परियोजना लागत का 35 प्रतिशत तथा खाद्य प्रसंस्करण अधोसंरचना के लिए परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम 10 करोड़ रुपए का अनुदान दिए जाने का प्राविधान योजना के तहत किया गया है। क्रियेशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रो प्रोसेसिंग  क्लस्टर योजना के अंतर्गत पात्र परियोजना लागत का 35 प्रतिशत,अधिकतम 10 करोड़ रुपए का अनुदान, क्रिएशन /एक्सपेंशन आफ फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन कैपेसिटीज के तहत मेगा फूड पार्क में स्थापित इकाइयों को पात्र परियोजना लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 5 करोड़ रुपए प्रति इकाई अनुदान दिए जाने और क्रिएशन आफ बैकवर्ड एंड फॉरवार्ड लिंकेजेज के अंतर्गत पात्र परियोजना लागत का 35प्रतिशत, अधिकतम 5 करोड़ रुपए का अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है। 

    375 बड़ी इकाइयों की स्थापना की जाएगी

    तैयार रोड मैप के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति  के तहत   375 बड़ी इकाइयों की स्थापना की जाएगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बताया कि सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय कच्चे माल का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कर कृषकों की आय बढ़ाई जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार सृजन कराया जाए। पर्याप्त मात्रा में कच्चे माल की उपलब्धता एवं असीमित संभावनाओं के दृष्टिगत प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में है। प्रदेश में संगठित क्षेत्र में लगभग 62, 000 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित है, जिसमें आटा, चावल, फल एवं सब्जी ,मसाला ,बेकरी ,कन्फेक्शनरी, दूग्ध और निजी क्षेत्र के शीतगृह स्थापित हैं, प्रदेश में आई टी सेक्टर के बाद  अधिकतम रोजगार की संभावनाएं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विद्यमान हैं।