Ajay Mishra
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    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : लखीमपुर (Lakhimpur) के किसानों (Farmers) को जीप से कुचलकर मार देने के मामले में आरोपों से घिरे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री (Union Minister of State) अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) की मुश्किलें बढ़ गई है। कांड की जांच की लिए प्रदेश की योगी सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (Special Investigation Team) (एसआईटी) की रिपोर्ट में हुए खुलासे ने साफ कर दिया है कि मंत्री का बेटा न केवल साजिश में शामिल था बल्कि हत्या (Murder) का आरोपी भी रहा है।

    इससे पहले लखीमपुर किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपनी सफाई में कहा था कि उनका बेटा घटनास्थल पर नहीं था और अगर साबित हुआ तो  इस्तीफा दे दूंगा। अब इसी मामले में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और पूरे मामले में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को जानबूझकर किसानों की हत्या करने का आरोपी पाया है और लखीमपुर खीरी हिंसा को सोची समझी साजिश का नतीजा बताया है। जबकि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा लखीमपुर हिंसा के पहले दिन से अपने बेटे को क्लीन चिट दे रहे थे।

    प्रमाण साबित हो जाए तो मैं अभी मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा : अजय मिश्रा टेनी

    गौरतलब है कि लखीमपुर कांड के तुरंत बाद 5 अक्टूबर को मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा था कि हमारे पास यह साबित करने के सबूत हैं कि न तो मैं और ना ही मेरा बेटा घटनास्थल पर मौजूद थे। अगर मेरे बेटे की मौजूदगी का प्रमाण साबित हो जाए तो मैं अभी मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। लखीमपुर के सांसद टेनी ने कहा था, ‘हम किसी भी जांच एजेंसी का सामना करने के लिए तैयार है। इस घटना के साजिशकर्ताओं और आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा था कि सामने आए वीडियो में साफ दिख रहा है कि ड्राइवर को कार से खींचकर मार डाला गया। अगर वहां मेरा बेटा होता तो उसकी भी हत्या हो चुकी होती।’ अजय मिश्रा ने कहा कि इतने लोगों की भीड़ में किसी को गाड़ी से कुचलकर भाग निकलना असंभव है।

    किसान काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे

    बताते चलें कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे। उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनवीरपुर में दंगल कार्यक्रम में शिरकत होने जाना था। अजय मिश्रा उनके साथ ही मौजूद थे। दोपहर करीब 1:30 बजे आपने काफिले के साथ लखीमपुर से बनवीरपुर के लिए निकले थे, उन्हें रिसीव करने के लिए बनवीरपुर से तीन गाड़ियां निकली थीं। तिकुनिया में किसान काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

    अब तक अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा नहीं लिया है : प्रियंका गांधी

    डिप्टी सीएम को रिसीव करने जा रही गाड़ियों का काफिला जब तिकुनिया से निकला, तो प्रदर्शनकारी किसानों से उनकी झड़प हो गई। ‘अजय मिश्रा के बेटे के काफिले’ ने किसानों को कुचल दिया। विपक्षी नेताओं में प्रियंका गांधी,अखिलेश यादव समेत तमाम नेता लखीमपुर खीरी के दौरे पर निकले, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद गृहमंत्री टेनी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृह राज्यमंत्री की क्या भूमिका थी ? उन्होंने पीएम मोदी के ऊपर भी हमला करते हुए कहा कि किसान विरोधी मानसिकता के चलते ही उन्होंने अब तक अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा नहीं लिया है।

     गौरतलब है कि एक सभा को संबोधित करते हुए अजय मिश्रा टेनी ने कहा था, ‘आप भी किसान हैं आप क्यों नहीं उतर गए आंदोलन में…अगर मैं उतर जाता तो उनको भागने का रास्ता नहीं मिलता। पीठ पीछे काम करने वाले 10-15 लोग यहां पर शोर मचाते हैं तो फिर तो पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए था। क्यों नहीं फैला दस ग्यारह महीने हो गए? मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं सुधर जाओ…नहीं तो सामना करो आकर हम आपको सुधार देंगे दो मिनट लगेगा केवल…मैं केवल मंत्री नहीं हूं या केवल सांसद या विधायक नहीं हूं।