Keshav Prasad Maurya

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh ) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज में मनरेगा (MGNREGA) में एमआईएस के सम्बन्ध में आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए गांवों के विकास के मूल मंत्र दिए। अपने उद्बोधन में मौर्य ने जहां कार्मिकों और प्रधानों में गांवों के विकास के लिए एक नई ऊर्जा और नए जोश का संचार किया, वहीं गांवों के विकास में अपनत्व की भावना बलवती बनाने पर जोर दिया।

    उन्होंने कहा कि मनरेगा में की गई विकेंद्रीकृत व्यवस्था से गांवों के विकास को नए पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में छिपी प्रतिभा को उभारकर गांवों को चमकाना हैं। गांवों के विकास का रोड मैप तैयार कर ऐसा विकास करें कि वह अविस्मरणीय बनें। गांवों का विकास कर उत्तर प्रदेश को, उत्तम प्रदेश, विकसित प्रदेश और भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाना है। उन्होंने कहा कि गांवों में विकास  के हर कार्य के प्रति हमेशा चैतन्य और सजग रहें। प्रधान और कार्मिक समन्वय बनाकर गांव में नवाचार करें।

    प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए

     उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जैविक खेती के साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। गो आश्रय स्थलों पर प्रधान अपनी पैनी नजर रखें। गांवों में मिनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। गांवों की सृजित परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग कराई जाए। गांवों की परिसमाप्तियों को संरक्षित रखने के हर सम्भव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत गांवों में 264 प्रकार के काम कराए जा सकते हैं, इन कार्यों के बारे में गांवों में लोगों को जानकारी रहेगी, तो और कार्य भी हो सकेंगे, प्रधानों और ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी जाए। गोचर की जमीनों को संरक्षित करते हुए  उसका उपयोग किया जाए, वहां नैपियर घास लगाने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। मनरेगा कैटेल शेड बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि के शेड भी मनरेगा के तहत बनाए जाते हैं। 

    फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रेरित किया जाए

    उन्होंने कहा कि गांवों में अन्त्येष्टि स्थल बनाने और मल्टीपरपज हाल बनाने की दिशा में भी प्रयास चल रहा हैं। गांवों में मिनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की व्यवस्था है और इसमें अनुदान की भी व्यवस्था है। गांवों के प्रतिभाशाली और हुनरमंद लोगों की सूची बनाकर वहां पर आवश्यकताओं के अनुरूप  फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रेरित किया जाए, सरकार की ओर हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जाएगा। मनरेगा में 100 दिन कार्य करने वाले श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उनकी आय बढ़ाने का प्रबंध किया जाए। 

    पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य रुप से करें

    ऐसे श्रमिकों का श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीयन अनिवार्य रूप से कराया जाए, प्रधानगण पंजीयन में श्रमिकों का सहयोग करें,ताकि उन्हें सरकार द्वारा श्रमिकों को अनुमन्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सकें। गांवों के अतिक्रमित चक मार्गों को खाली कराते हुए मनरेगा से उस पर कार्य कराया जाए, इससे ग्रामीणों को जहां आवागमन की बेहतर सुविधा   उपलब्ध हो सकेगी, वहीं गांवों के आपसी विवादों पर अंकुश लगेगा।

    तरक्की का रास्ता गांवों, खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है

    उन्होंने कहा कि मनरेगा में पशुपालन और बागवानी पर विशेष रूप से फोकस करें। तरक्की और खुशहाली का रास्ता गांवों, खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है। इसलिए गांवों -गरीबों के जीवन में खुशहाली लाना, हम सबका सामाजिक दायित्व भी है।कहा कि मनरेगा के तहत गांवों में खेल मैदान विकसित किए जा रहे है, इन खेल के मैदानों में गांवों की खेल प्रतिभाओं को निखारा जाए, इसके लिए सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जा रही हैं।

    केशव मौर्य ने दी दीपावली की शुभकानाएं

    उन्होंने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स को दिए जा रहे प्रशिक्षण से मनरेगा के प्रभावी और पारदर्शी ढंग के क्रियान्वयन में और अधिक तेजी आएगी । मनरेगा के तहत ग्रामोत्थान की अनेकानेक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। नई व्यवस्था के अन्तर्गत बेहतर कार्य करने के लिए कुशल और दक्ष कार्मिक  होने से सभी कार्य और अधिक तेजी से हो सकेंगे। इस दृष्टिकोण से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बहुत ही सार्थक और सफल सिद्ध हो रहा है। उन्होंने प्रशिक्षुओं को अपनी शुभकामनाएं देते हुए और दीप पर्व की बधाई देते हुए विश्वास जताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर मनरेगा के माध्यम से सभी लोग गांवों का समग्र विकास करने में सक्षम हो सकेंगे।