Date of signing of Jewar Airport agreement postponed due to Corona
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    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के जेवर (Jewar) में बन रहा अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (International Airport) उत्तरी भारत (Northern India) का गेटवे (Gateway) बनेगा। जेवर हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित हरियाणा (Haryana) और पंजाब के 30 जिलों के लोगों को देश दुनिया से हवाई सेवाओं से जोड़ेगा। इस क्षेत्र के उद्योगों को हवाई अड्डे से मदद मिलेगी और यहां के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। जेवर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।

    गुरुवार को नोएडा में जेवर अंतरर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह परियोजना इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगी। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से, आज यह उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अंधकार में बनाए रखा, वही राज्य आज दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है। आज यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थान बन रहे हैं। अंतरर्राष्ट्रीय स्तर की रेल कनेक्टिविटी और दुनिया की कंपनियों के निवेश का सेंटर है। यह सब कुछ आज हमारे उत्तर प्रदेश में हो रहा है। इसीलिए देश और दुनिया के निवेशक कहते हैं कि उत्तर प्रदेश यानी उत्तम सुविधा और निरंतर निवेश।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले यूपी और केंद्र की जो सरकारें रहीं, उन्होंने कैसे पश्चिम यूपी को नजरअंदाज किया, उसका उदाहरण यह जेवर एयरपोर्ट भी है। दो दशक पहले भाजपा की सरकार ने इसका सपना देखा था, लेकिन फिर यह यूपी और केंद्र की सरकारों की खींचतान में उलझा रहा। प्रदेश  की पहले की सरकार ने तो चिट्ठी लिखकर कह दिया था कि इसे बंद कर दिया जाए।

    हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा

    मोदी ने कहा कि इस एयरपोर्ट के बनने से आगरा का पेठा हो या फिर सहारनपुर का फर्नीचर या मुरादाबाद का बर्तन कारोबार सभी को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि दशकों तक यूपी को ताने सुनने के लिए मजबूर कर दिया गया था। कभी गरीबी तो कभी भ्रष्टाचार के ताने सुनने को मिलते थे। अब आज़ादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वो मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं और इसे चलाने के लिए भी हज़ारों लोगों की आवश्यकता होती है। ये हवाई अड्डा पश्चिमी यूपी के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा।

    यूपी 5 इंटरनेशनल हवाई अड्डों वाला राज्य बन जाएगा

    पीएम मोदी ने कहा कि दाऊ जी के मेले के लिए मशहूर जेवर अब इंटरनेशनल मैप में जगह पा गया है। इससे दिल्ली एनसीआर समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों के लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि यहां विमानों की रिपेयरिंग भी हो सकेगी। फिलहाल हर साल 15,000 करोड़ रुपये की लागत रिपेयरिंग में आती है और इस एयरपोर्ट की कुल लागत ही 30 हजार करोड़ रुपये होगी। इस तरह यह हवाई अड्डा विकास के साथ ही बचत भी कराएगा। दो से तीन सालों में यह एयरपोर्ट जब काम करना शुरू करेगा तो यूपी 5 इंटरनेशनल हवाई अड्डों वाला राज्य बन जाएगा।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एयरपोर्ट बनने से एनसीआर के साथ ही पश्चिमी यूपी के जिलों मेरठ, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़ के लोगों को विदेशों में जाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रुख नहीं करना पड़ेगा। मेरठ के खेल उद्यमी, सर्राफा कारोबारी, हैंडलूम व्यापारी, बुलंदशहर के पॉटरी कारोबारी, मुजफ्फरनगर के गुड़ मंडी के लोगों को भी देश-विदेश के लिए सीधी उड़ान नहीं मिल पाती है।

    दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी

    जेवर एयरपोर्ट में एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा। पहले चरण का कार्य पूर्ण होने के बाद पहली उड़ान सितंबर 2024 में शुरू करने का लक्ष्य है। उड्‌डयन मंत्रालय के मुताबिक रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है, जबकि हिंडन से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 65 किमी है। वहीं मेरठ, बुलन्दशहर से यह 50 किमी. के दायरे में आ जाएगा। 

    पहले चरण में दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे

    जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी यमुना एक्सप्रेस-वे, बुलंदशहर-जेवर हाईवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ ही रैपिड रेल से भी होगी। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। पहले चरण में दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। जेवर एयरपोर्ट के करीब 69 फर्मों को लगभग 146 हेक्टेयर औद्योगिक जमीन दी गई है।