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    नयी दिल्ली/कानपुर. दोपहर कि बड़ी खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Vidhansabha Chunav 2022) से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आयकर विभाग) ने कानपुर (Kanpur News) में दो बड़े कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल समाजवादी पार्टी से जुड़े नेताओं पर एक्शन के बाद अब आयकर विभाग की टीम ने बड़े इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush jain) और पान मसाला कारोबारी के. के अग्रवाल के घर और ठिकानों पर छापेमारी कर बड़ी रकम बरामद की है।  वहीं अब तक इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापेमारी में करीब 160 करोड़ रुपए मिले हैं और अभी छापेमारी का सिलसिला बीते 24 घंटे से जारी है। 

    खबरों के अनुसार कानपुर के जूही थानाक्षेत्र के आनंदपुरी में रहने वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से अबतक की छापेमारी में आईटी टीम ने 160 करोड़ से अधिक रुपयों की बरामदगी कि है।  हालांकि, हालाँकि अभी भी फाइनल आंकड़ा नहीं आया है।  वहीं अब तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि के। के अग्रवाल के ठिकानों से और कितने पैसों की बरामदगी हुई है।  इधर छापेमारी के दौरान इनकम टैक्स (Income Tax) की टीम अपने साथ नोट गिनने वाली मशीन साथ लेकर पहुंची है।  पैसों को गिनते हुए वाली तस्वीर अब सोशल मीडिया पर भी भयंकर रूप से वायरल हो चुकी है। 

    साथ ही  नोटों की गिनती के लिए SBI के अधिकारियों की मदद ली जा रही है, जिसके बाद बरामद हुए रुपयों की सही जानकारी मिल पाएगी।  पता हो कि  इत्र कारोबारी पीयूष जैन और पान मसाला कारोबारी के.के अग्रवाल के घर और अब भी छापेमारी की कार्रवाई जारी है। वहीं ITटीम के साथ अहमदाबाद से आई DGGI की एक टीम भी इस अभियान में शामिल है। 

     पीयूष जैन पर यह आरोप है कि कई फ़र्ज़ी फर्मों के नाम से बिल बनाकर कंपनी ने करोड़ो रुपयों की GST चोरी की।  इसके साथ ही पीयूष के घर से 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल मिले हैं।  पीयूष जैन के घर मे इनकम टैक्स और जीएसटी विभाग ने 12 से ज्यादा संदूक मंगाए हैं ताकि करोड़ों रुपए इनमे रखे जा सकें। इन रुपयों को गिनने के लिए अभी तक 6 मशीनें लगायीगई हैं और वहीं मौके पर बैंकों से पीएसी और पुलिस बल भी मौजूद हैं। 

    इधर पियूष जैन से संबंधों पर  समाजवादी पार्टी ने इनकार कर दिया है।  सपा के मीडिया कंसलटेंट आशीष यादव ने इस बाबत ट्वीट कर कहा कि कानपुर के कारोबारी के घरों में पड़े छापे से सपा का कोई नाता नहीं है।  साथ ही समाजवादी इत्र और समाजवादियों से उक्त कारोबारी का कोई नाता नहीं है।