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    लखनऊ: यूपी बोर्ड (UP ‍Board Exams) की परीक्षाएं (Exams) गुरुवार से शुरू हो रही हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के नकल विहीन परीक्षाओं को संपादित करने के लिए शासन ने कमर कस ली है। राजधानी लखनऊ (Lucknow) से परीक्षा की निगरानी की जा रही है। इसके लिए दो कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर वेब कास्टिंग के जरिए लाइव मॉनिटरिंग (Live Monitoring) कर रहे हैं। बुधवार को इन कंट्रोल रूम्स में काफी गहमागहमी देखने को मिल रही है। इन दोनों कंट्रोल रूम से प्रत्येक मंडल से लेकर प्रत्येक जिला और प्रत्येक परीक्षा केंद्र तक पर नजर रखी जा रही है। 

    ऑनलाइन मॉनीटरिंग के दौरान जिन विद्यालयों में कोई अव्यवस्था है, उसके लिए तत्काल प्रभाव से नोडल अधिकारी की कॉल संबंधित परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक को की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इस बार परीक्षा को लेकर योगी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें नकल करने वालों पर एनएसए की कार्रवाई से लेकर केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर तक की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। हाई स्कूल की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 3 मार्च तक यानी कुल 12 दिन चलेंगी। वहीं, इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 16 फरवरी से 4 मार्च तक यानी 14 दिन तक चलेंगी। बीते वर्ष इंटरमीडिए की परीक्षा से इस बार परीक्षा की अवधि एक दिन कम होगी। 

    सभी 75 जनपदों में भी कंट्रोल रूम 

    यूपी बोर्ड परीक्षा की मॉनीटरिंग के लिए लखनऊ में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। पहला कंट्रोल रूम माध्यमिक शिक्षा विभाग में शिविर कार्यालय के रूप में काम कर रहा है। वहीं दूसरा कंट्रोल रूम विद्या समीक्षा केंद्र में स्थापित किया गया है। यहां भी नोडल अधिकारियों को मंडलवार जिम्मेदारी दी गई है। उदाहरण के तौर पर वाराणसी मंडल की जिम्मेदारी देख रहा अधिकारी उस मंडल के प्रत्येक जनपद के प्रत्येक परीक्षा केंद्र की व्यवस्था को ही ऑनलाइन मॉनीटर कर रहा है। किसी भी तरह की अव्यवस्था पर सीधे लखनऊ से प्रिंसिपल या व्यवस्थापक को लखनऊ से कॉल की जा रही है और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जा रहे हैं। प्रदेश स्तर के अलावा मॉनीटरिंग की कई और लेयर भी हैं। सभी 75 जनपदों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जो डायरेक्ट अपने जनपद के परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन नजर रखे हुए है। 

    प्रत्येक जिले में भेजा गया है एक पर्यवेक्षक

    परीक्षाओं के संपादन और अनुश्रवण के लिए प्रदेश से सभी 75 जिलों में एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है जो पूरी परीक्षा की समीक्षा करेगा और शासन को रिपोर्ट देगा। इसके अलावा केंद्र की व्यवस्था में 26 हजार से ज्यादा लोगों को लगाया गया है। इनमें प्रत्येक केंद्र में केंद्र व्यवस्थापक के अलावा वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है। यही नहीं 1390 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 455 जोनल मजिस्ट्रेट, 521 सचल दल भी तैनात किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 16 जनपद ऐसे हैं जिन्हें अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इनमें बलिया, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, देवरिया, गोंडा, मथुरा, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, बागपत, हरदोई, प्रयागराज और कौशांबी शामिल हैं। वहीं प्रदेश में कुल 936 संवेदनशील तथा 242 अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र चिन्हित किए गए हैं। 

    नकल रोकने के लिए ये की गई है व्यवस्था 

    1. 2018 में ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की लागू की गई व्यवस्था से सॉफ्टवेयर द्वारा परीक्षा केंद्र बनाने पर परीक्षा केंद्रों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की कमी आई है। 
    2. बीते वर्षों में इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 25 कार्य दिवसों में संपादित होती रही हैं, लेकिन इस बार परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक यानी कुल 14 कार्य दिवसों में संपन्न कराई जाएंगी। 
    3. सभी परीक्षा केंद्रों के लगभग 1.43 लाख परीक्षा कक्षों और परिसर में लगभग 3 लाख वॉयस रिकॉर्डरयुक्त सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर राउटर डिवाइस और हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था की गई है। 
    4. सभी 75 जनपदों में और राज्य स्तर पर कंट्रोल और मॉनीटरिंग सेंटर के माध्यम से सभी 8753 परीक्षा केंद्रों की वेब कास्टिंग द्वारा लाइव मॉनीटरिंग कराए जाने की व्यवस्था की गई है। 
    5. सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए एसटीएफ एवं एलआईयू को सक्रिय किया गया है। 

    इस बार ये होगा नया 

    • परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पहली बार प्रधानाचार्य कक्ष से अलग सुरक्षित कक्ष में डबल लॉक अलमारी में प्रश्नपत्रों के रख-रखाव के लिए स्ट्रांग रूम स्थापित किया गया है। 
    • स्ट्रांग रूम के मुख्य प्रवेश द्वार को छोड़कर अन्य सभी द्वार और खिड़कियों को सील कराया गया है। 
    • प्रश्नपत्रों के लिफाफों के रखरखाव, व्यवहरण और उन्हें खोले जाने के लिए केंद्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट को संयुक्त रूप से उत्तरदायी बनाया गया है। 
    • पहली बार चार लेयर में टैम्पर्ड प्रूफ लिफाफों में पैकेजिंग की गई है। 
    • इस वर्ष पहली बार प्रदेश के सभी जनपदों में सिलाईयुक्त उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था की गई है। 
    • चार रंगों में मुद्रित उत्तर पुस्तिकाओं पर क्यूआर कोड और बोर्ड के लोगो का मुद्रण किया गया है। 
    • हाईस्कूल में पहली बार 20 अंकों की बहुविकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई जा रही है। 

    170 कैदी भी देंगे परीक्षा 

    यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार 170 जेल में बंद कैदी भी शामिल होंगे। परीक्षा के लिए विभिन्न जिलों में केंद्र बनाया गया है। हाईस्कूल में 79 और इंटर में 91 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। पिछली बार हाई स्कूल में 116 और इंटर में 116 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इस बार सबसे ज्यादा 49 कैदी परीक्षार्थी जिला कारागार गाजियाबाद से हैं। इनमें हाईस्कूल के 23 और इंटरमीडिएट के 26 परीक्षार्थी शामिल हैं। वहीं सबसे कम एक परीक्षार्थी जिला कारागार गोरखपुर से है, जो इंटरमीडिएट का है।  

    • कुल परीक्षा केंद्रः 8753
    • राजकीय विद्यालयः 540
    • अशासकीय सहायता प्राप्तः 3523
    • स्ववित्त पोषितः 4690 

    पंजीकृत परीक्षार्थी

    • कुल छात्रः 5885745
    • बालकः 3246780
    • बालिकाएं: 2638965

    हाईस्कूल में परीक्षार्थी 

    • कुल छात्रः 3116487
    • बालकः 1698346
    • बालिकाएंः 1418141

    इंटरमीडिएट में परीक्षार्थी

    • कुल छात्रः 2769258
    • बालकः 1548434
    • बालिकाएंः 1220824

    पंजीकृत परीक्षार्थी 

    • कुल छात्रः 5885745
    • संस्थागतः 5692939
    • व्यक्तिगतः 192806
    • हाईस्कूल कुल छात्रः 3116487
    • संस्थागतः 3106185
    • व्यक्तिगतः 10302
    • इंटरमीडियट कुल छात्रः 2769258
    • संस्थागतः 2586754
    • व्यक्तिगतः 182504