नयी दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri) में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के फरार पुत्र और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने खुद को पुलिस के सामने पेश किया है। इसके साथ ही क्राइम ब्रांच में आशीष मिश्रा से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है,। गौरतलब है कि इसके पहले आशीष मिश्र को पुलिस ने समन किया था, लेकिन इसके बावजूद वे जांच टीम के सामने पेश नहीं हुए थे।
#WATCH Son of MoS Home Ajay Mishra Teni, Ashish Mishra arrives at Crime Branch office, Lakhimpur
He was summoned by UP Police in connection with Lakhimpur violence. pic.twitter.com/g6wMpHYOKr
— ANI UP (@ANINewsUP) October 9, 2021
गौरतलब है कि यूपी क्राइम ब्रांच ने आशीष मिश्रा को 11 बजे तक पेश होने का समय दिया है। आशीष की पेशी से पहले पुलिस लाइन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने आशीष को समन कर दो दिनों के भीतर 11 बजे तक पेश होने के लिए कहा था।
बता दें कि इसके पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra ने अपने बेटे को ‘निर्दोष’ बताते हुए बीते शुक्रवार को कहा था कि उनका बेटा ‘अस्वस्थ’ है और वह शनिवार को पुलिस के सामने पेश होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि, “हमें कानून पर भरोसा है। मेरा बेटा निर्दोष है। उसे बृहस्पतिवार को नोटिस मिला लेकिन उसने कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है।” उन्होंने कहा, “वह कल पुलिस के सामने पेश होगा और अपने निर्दोष होने के बारे में बयान और सबूत देगा।”
We will respect the notice & will cooperate in the investigation. Ashish Mishra will appear before the police today: Awadhesh Kumar, legal advisor of Ashish Mishra
Mishra has been summoned by UP Police in connection with Lakhimpur violence. pic.twitter.com/UEhlme8ibW
— ANI UP (@ANINewsUP) October 9, 2021
इसके पहले बीते शुक्रवार को ही लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Khiri) मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई थी। जिसमे SC ने उत्तरप्रदेश की योगी सरकार (Yogi Goverment) को जमकर फटकार भी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से कतई संतुष्ट नहीं है। आगे ये भी कहा गया कि, UP सरकार अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करे की जब तक यह जांच कोई अन्य एजेंसी संभालती है तब तक इस मामले के सबूत सुरक्षित रहें।