UP Assembly Election 2022 : Priyanka Gandhi's film twist in Uttar Pradesh election campaign, said- 'Mere Paas Bahan Hai'
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    लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने लखीमपुर खीरी में हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में चार किसानों समेत आठ लोगों के मारे जाने की घटना को लेकर मंगलवार को योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Govt) पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि जब भी लोग आवाज उठाते हैं, तो योगी सरकार हिंसा और दमन करती है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा, और पूछा कि वह उन परिवारों के आंसू पोंछने लखीमपुर खीरी क्यों नहीं जा रहे हैं जिनके बेटों की “बेरहमी से हत्या” की गई है और जहां सिर्फ 15 मिनट की हेलीकॉप्टर यात्रा से पहुंचा जा सकता हैं।  

    पिछले 30 घंटे से भी अधिक समय से उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में मौजूद प्रियंका ने प्रधानमंत्री से ये सवाल उस वक्त किए हैं जब वह लखनऊ में न्यू अर्बन इंडिया थीम पर आयोजित तीन दिवसीय कॉन्क्लेव की शुरुआत करने लखनऊ पहुंचे हैं। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रियंका को सोमवार को सीतापुर में लखीमपुर जाते समय हिरासत में ले लिया है। 

     

    उप्र सरकार ने लखीमपुर खीरी की इस घटना के सिलसिले में सोमवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की बात कही हैं । यह पूछे जाने पर कि वह लखीमपुर की घटना को कैसे देखती हैं, प्रियंका ने पीटीआईभाषा के साथ टेलीफोन पर साक्षात्कार में कहा, “राज्य और राष्ट्र में जो हो रहा है, मैं इसे उस बड़ी तस्वीर के एक हिस्से के रूप में देखती हूं क्योंकि यह एक अलग-थलग घटना नहीं है। विरोध प्रदर्शनों, आवाज उठाने वाले लोगों के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया लगातार हिंसा और उत्पीड़न की रही है।”  

    कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, “यह एक चरम स्थिति है जो लगातार जारी दमन के कारण उत्पन्न हुई है। इसलिए जब उत्तर प्रदेश में जो कोई भी विरोध करने की कोशिश करता है, चाहे वह छात्र हो या शिक्षक, उन्हें पीटा जाता है, प्रताड़ित किया जाता है और जेल भेज दिया जाता है।” उन्होंने आरोप लगाया, “उन लोगों के प्रति हिंसक प्रतिक्रियाएं होती हैं जो या तो विरोध में या बस अपने अधिकारों की मांग के लिए आवाज उठाते हैं।” प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान लोगों के कल्याण के बजाय प्रचार और जनसंपर्क पर रहा है। 

    विरोध प्रदर्शन के अपने भावी कार्यक्रम के बारे में कांग्रेस महासचिव ने कहा, “किसान अभी भी मंत्री के इस्तीफे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।”  उन्होंने कहा, “मैं यह समझना चाहूंगी कि किसी प्राथमिकी या गिरफ्तारी के किसी आदेश के बिना जब सरकार विपक्षी नेताओं को पीड़ित परिवारों से मिलने की कोशिश करने के अपराध के लिए गिरफ्तार कर सकती है, तो वह लोगों के सामने किसानों को कुचलने और अपराध करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर सकती? यह साफ है कि कुछ बहुत ही गड़बड़ है। मैं पीड़ितों के परिवारों से मिलना चाहती हूं ।”   

    उन्होंने अपने साथ उत्तर प्रदेश सरकार के व्यवहार का जिक्र करते हुए कहा, ” वास्तव में मेरे साथ क्या हो रहा है, इसका सवाल नहीं है। यहां मुख्य मुद्दा यह है कि जब कोई जघन्य अपराध हुआ है तो सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? ऐसा क्यों है कि भाजपा सरकार केवल राजनीतिक दबाव के बाद कार्रवाई करती हैं? कानून की प्रक्रिया के तहत क्यों नहीं?” कांग्रेस महासचिव ने कहा, “मीडिया चैनल क्यों इस बात पर जोर दे रहे हैं कि एक मंत्री, आरोपी के पिता ने कहा है कि यह (घटना) बिल्कुल हुई ही नहीं है? हमें आरोपी के पिता की बात सुनने के लिए क्यों कहा जाता है जो खुद एक हिस्ट्रीशीटर है और जिसने खुद कुछ दिन पहले उन्हीं लोगों को धमकी दी थी? हम वहां मौजूद पत्रकारों, पीड़ितों के परिवारों और उस समय मौजूद चश्मदीद गवाहों की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं?”   

    उन्होंने हर तरह की हिंसा की निंदा करते हुए कहा, ” वहां भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं, यह गलत है..यह नहीं होना चाहिए था…किसी पर भी किसी भी तरह की हिंसा करना गलत है। सबके लिए न्याय के बारे में सबको बोलना चाहिए।”  प्रधानमंत्री के लखनऊ दौरे के बारे में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह उनसे कुछ कहना चाहती हैं, तो प्रियंका ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहूंगी कि वह यहां जिस आजादी का जश्न मनाने आए हैं, वह हमें उन्हीं किसानों ने दी है, जिनके वंशज महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।”  

    उन्होंने कहा, “उन्ही किसानों के बेटे आज भी हमारे देश की सीमाओं पर खड़े होकर हमारी आजादी की रक्षा करते हैं। जब वह अपने मंत्रियों के साथ मंच पर बैठते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि उनमें से एक आरोपी के पिता को अभी तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया। ?”  कांग्रेस महासचिव ने कहा, “उप्र की पूरी पुलिस विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने, मारे गए किसानों के परिवारों पर नजर रखने, इंटरनेट काटने और लखीमपुर खीरी जिले को सील करने पर ध्यान क्यों दे रही है?”  पुलिस ने किसानों की मौत को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.

     इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने किसान संघों के आरोपों का खंडन किया है कि उनका बेटा किसानों को कुचलने वाली कारों में से एक में था।  कोरोना महामारी से निपटने के राज्य सरकार के तरीके पर उन्होंने आरोप लगाया, “आपने महामारी के दौरान भी देखा होगा, सरकार लोगों के खिलाफ हो गई।” कांग्रेस नेता ने कहा, “यह (सरकार) राष्ट्रीय संकट के दौरान समर्थक, मददगार बनने और जनता की मदद करने के बजाय उनके ही खिलाफ हो गयी।

    राज्य में कानून व्यवस्था पर प्रियंका ने कहा, “मुझे हैरत होती है जब मैं दिल्ली में बस स्टैंड और होर्डिंग्स पर इन बड़े पोस्टरों को देखती हूं, जिनमें कहा गया है कि उप्र कानून व्यवस्था में नंबर एक है। यहां काम करते हुए मुझे एक पूरी तरह से अलग तस्वीर दिखाई देती है। मैं वास्तव में कानून और व्यवस्था का पूर्ण पतन, शासन का पतन देखती हूं जहां भयानक हिंसक घटनाएं होती हैं।”  भाजपा के इस आरोप पर कि वह राजनीतिक पर्यटन के लिए उत्तर प्रदेश का दौरा करती हैं, प्रियंका ने पलट वार करते हुए कहा, “मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि जब एक प्रधानमंत्री दुनिया भर में यात्राएं करता है और राष्ट्रपतियों के साथ फोटो खिंचवाता है, तो उसे पर्यटक क्यों नहीं कहा जाता है?” 

    कांग्रेस नेता ने कहा कि “जब मैं यहां आती हूं और मैं किसी बलात्कार पीड़िता के परिवार से मिलने जाती हूं या एनआरसी/सीएए (विरोध) के दौरान गोली से मारे गए लोगों के परिवारों या किसी मंत्री के बेटे द्वारा कुचले गए किसानों के परिवारों से मिलने जाती हूं तो मैं एक पर्यटक बन जाती हूं। इसलिए, यह उनका निरा दुष्प्रचार है, यह मुझे एक अगंभीर राजनेता के रूप में पेश करने का एक प्रयास है। मुझे उन्हें यह बताते हुए खेद है कि वे सफल नहीं होने जा रहे हैं क्योंकि मैं अपने काम और अपने कर्तव्य के बारे में बेहद गंभीर हूं।” (एजेंसी)