लखनऊ. लखीमपुर खीरी हिंसा मामला (Lakhimpur Khiri Violence Case) शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले को लेकर सियासी घमासान जारी है। विपक्ष लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। वहीं इस मामले में न्यायिक जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का भी गठन किया गया है। इसी बीच गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्र के लखीमपुर खीरी स्थित आवास के बाहर नोटिस चस्पा कर उनके बेटे आशीष मिश्र को हिंसा के सिलसिले में आठ अक्टूबर को पेश होने को कहा है।
इससे पहले पुलिस ने करवाई करते हुए आशीष पांडेय और लवकुश को गिरफ्तार किया। दोनों लोग दर्ज की गई एफआईआर में नामजद थे। दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही है।
Uttar Pradesh Police pastes notice outside the residence of Union Minister Ajay Kumar Mishra in Lakhimpur Kheri, asking his son Ashish Mishra to appear before it on Oct 8 in connection with the violence pic.twitter.com/HR7sm1b2K7
— ANI UP (@ANINewsUP) October 7, 2021
जांच के लिए दो महीने का समय
ज्ञात हो कि आयोग को इस मामले की जांच के लिए दो महीने का समय दिया गया है। इस मामले की जांच उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव करेंगे। उन्होंने कहा कि जांच आयोग अधिनियम, 1952 (1952 की अधिनियम संख्या 60) की धारा 3 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राज्यपाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को आयोग के एकल सदस्य के रूप में नियुक्त किया है।
पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों से मिले अखिलेश यादव
उधर लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों से अखिलेश यादव ने मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, “जिस केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है जनता की रक्षा करना, उसी सरकार में गरीब और पीड़ित को न्याय नहीं मिलना, इससे खराब बात और क्या हो सकती है? यह निंदनीय बात है।”
सपा अध्यक्ष ने कहा, “पीड़ित परिवार न्याय चाहता है, सरकार तुरंत उन्हें मदद करें, साथ ही जो वादे किए हैं, उसको तुरंत पूरा करें।” उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पुलिस कप्तान फरार हैं और जांच जब हुई तो धाराएं बदल गईं। जिस वक्त एफआईआर दर्ज हुई थी, तब धाराएं दूसरी थीं। उन्होंने कहा कि जिसके साथ भी अन्याय हुआ है, समाजवादी पार्टी उसके साथ खड़ी हुई है।”
क्या है मामला?
दरअसल, रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के गांव में राज्य सरकार ने कई उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम रखा हुआ था। जहां राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पहुंचने वाले थे। इसी को लेकर किसान सुबह से ही उनका विरोध कर रहे थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केशव प्रसाद दूसरे रास्ते से कार्यक्रम पहुंचे। वहीं पुराने तय रास्ते पर तिकोनिया गांव पर भाजपा सांसद के कार्यकर्ता तीन गाड़ियों से जा रहे थे। इसी दौरान गाड़ियों ने पैदल चल रहे किसानों को टक्कर मार दी। जिसमें चार किसनों की मौत हो गई, और कई घायल हो गए। इस घटना के बाद वहां मौजूद भीड़ ने गाड़ियों के ऊपर हमला कर दिया। इस झड़प में एक पत्रकार समेत तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को भीड़ ने पीटकर मार डाला।
किसान संगठन ने जहां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र पर गाड़ी से कुचलकर मारने का आरोप लगाया है। वहीं मंत्री और के सांसद मिश्र ने इसे नकारते हुए आंदोलन करियों पर पहले हमला कर भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने का दावा किया है।