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    नई दिल्ली/लखनऊ. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से मिली बड़ी खबर के अनुसार, यहां विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब रात 10 बजे के बाद छात्रावास में छात्रों के आने-जाने पर पूरी अरह से रोक लगाई है। जानकारी दें कि, लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रात 10 बजे के बाद बाहर नहीं निकलने का नियम है। लेकिन  नियम-निर्देशों के इसके बावजूद नियम का पालन हास्टल प्रोवोस्ट नहीं करा पा रहे हैं। 

    क्या थी घटना

    दरअसल बीते शुक्रवार शनिवार की रात तकरीबन डेढ़ बजे सुभाष छात्रावास से 15 से अधिक छात्र चाय पीने के लिए निकले हुए थे। तभी रास्ते में गश्त कर रही पुलिस ने छात्रों को रोका। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई। इन छात्रों का आरोप है कि, पुलिसवालों ने इन्हें बेवजह पीटा। हालंकि इस विवाद के बाद छात्र हास्टल वापस आ गए। लेकिन फिर कुछ देर बाद सुभाष छात्रावास के साथ ही अन्य हास्टलों से लगभग 70 से 80 छात्र नारे लगाते हुए हसनगंज थाने पंहुच गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। ये सब अल-सुबह 4 बजे तक चलता रहा। इसके बाद मौके पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के अधिकारी भी पंहुचे और छात्रों को जैसे-तैसे शांत कराकर वापस भेजा।

    आपस में ही भिड़े छात्र 

    उधर एक अन्य जानकारी के अनुसार पहले पुलिस और सुभाष छात्रावास के छात्रों के किसी बात को लेकर बीच झड़प हुई। पुलिसवालों ने इस पर छात्रों को फटकारा। इसके बाद छात्र वापस लौटे और अन्य हास्टल के छात्रों के साथ हसनगंज थाने पर हल्ला बोल दिया। छात्रों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए और धरने पर बैठ गए। इसी दौरान किसी बात को लेकर वहां पहुंचे कुछ छात्र आपस में ही भिड़ गए। आरोप है कि, यहाँ जूनियर छात्रों ने अपने ही सीनियर छात्रों को पीटा। मारपीट में एक छात्र को चोट भी लगी।

    इसके साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राक्टर प्रो। राकेश द्विवेदी ने परिसर में धरना प्रदर्शन करने पर भी अब रोक लगा दी है। इस बाबत उन्होंने जारी आदेश में कहा कि पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में बीते 10 दिसंबर से धारा 144 लागू है। ऐसे में परिसर में किसी प्रकार धरना प्रदर्शन बिलकुल भी नहीं किया जा सकता है।