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    लखनऊ : उच्च शिक्षा (Higher Education) में व्यापक सुधार की मुहिम में जुटी योगी सरकार (Yogi Government) ने अशासकीय (Government) और राजकीय महाविद्यालय (Government College) में बीते पांच साल में प्रवक्ताओं (Lecturers) की रिकॉर्ड नियुक्ति की है। इस दौरान साढ़े तीन हजार से अधिक शिक्षकों (Teachers) का सलेक्शन हुआ है। जबकि दो हजार से अधिक प्रवक्ताओं के रिक्त के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी है। अगस्त तक इन शिक्षकों को नियुक्त (Appointed) कर दिया जाएगा। वहीं एडेड कॉलेजो (Aided Colleges) में प्राचार्यो की नियुक्ति तो 14 साल बाद हुई है। पांच सालों में 290 प्राचार्य (Principal) चयनित हुए। 

    प्रवक्ताओं के रिक्त 2002 पदों पर अगस्त तक होगी नियुक्ति 

    जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही योगी सरकार ने बीते पांच सालों में पारदर्शी चयन प्रक्रिया के तहत सर्वाधिक डिग्री शिक्षकों की नियुक्ति की है। 2017 से 2022 तक राजकीय महाविद्यालयों में 766 प्रवक्ता चयनित हुए हैं। जबकि 2002 रिक्त पदों के लिए लिखित परीक्षा संपन्न की जा चुकी है। अगस्त तक इनका सलेक्शन हो जाएगा। वहीं सपा सरकार में (2012-2017) 557 और मायावती सरकार मे 487 प्रवक्ता चयनित हुए थे। जबकि 2003 से 2007 तक 147 चयनित हुए थे। 

    2003 के बाद पहली बार एडेड  डिग्री कालेज में 290 प्राचार्यो का चयन

    अशासकीय (एडेड) महाविद्यालयों में योगी सरकार ने रिकॉर्ड शिक्षकों की नियुक्ति की है, जो सपा, बसपा सरकार के कार्यकाल में हुई नियुक्ति की तीन गुने से अधिक है। बीते पांच साल में 2802 प्रवक्ताओं का सलेक्शन हुआ जबकि अखिलेश यादव (2012 से 2017) में यह संख्या शून्य रही अर्थात एक भी शिक्षकों की नियुक्ति नही हुई। जबकि बसपा सरकार (2007 से 2012) में 185 और 2003 से 2007 तक 797 प्रवक्ताओं का सलेक्शन हुआ था। प्राचार्यो के चयन में योगी सरकार ने कीर्तिमान रचकर 290 नियुक्ति की। जबकि 2003 से 2017 तक एक भी प्राचार्य का चयन नही हुआ था।