चुनाव से पहले अखिलेश यादव की बढ़ी मुश्किलें, एमपी-एमएल कोर्ट ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को गैंगरेप मामले में दिया दोषी करार

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    लखनऊ: चित्रकूट की महिला से गैंगरेप मामले (Chitrakoot Gang Rape Case) में एमपी एमएल कोर्ट ने पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati ) को दोषी करार दिया है। प्रजापति के अलावा अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट में दोषी पाए गए है। वहीं इस मामले में विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह पिंटू और चंद्रपाल को अदालत ने बरी किया है। दोषियों की अदालत 12 नवंबर को सजा सुनाएगी।  

    क्या है पूरा मामला 

    समाजवादी पार्टी के सरकार खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर चित्रकूट जिले की रहने वाली एक महिला ने बलात्कार करने और उसकी नाबालिग बेटी का लज्जा भंग करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।  जब महिला ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने महिला और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।

    इसके बाद पीड़िता ने केस दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफगौतमपल्ली थाने में 2017 में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने आलमबाग इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 

     गायत्री प्रसाद प्रजापति कौन है

    गायत्री प्रजापति ने सन 1995 में समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए थे। उन्होंने अमेठी विधानसभा से 1996 और 2002 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं हासिल हुई। जिसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में  वह अमेठी सीट से जीत गए। उन्हें फरवरी 2013 में सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया। जुलाई 2013 में जब मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ, तब गायत्री प्रजापति को स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया था। वहीं जनवरी 2014 में उन्हें खनन विभाग का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। 2017 में गायत्री प्रजापति ने एक बार फिर सपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ा जहां  उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।