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    फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश). जिले में वायरल बुखार और डेंगू (Dengue) के प्रकोप से अभी तक आधिकारिक रूप से 57 लोगों की मौत होने की पृष्ठभूमि में प्रशासन ने शुक्रवार को नगर निगम के नगर स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी डॉक्‍टर मुकेश कुमार को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और आठ झोला छाप डॉक्‍टरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके क्‍लीनिक सील कर दिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नगर स्वास्थ अधिकारी बिना सूचना के तीन सितंबर से ड्यूटी पर नहीं थे, और पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा आलोक कुमार के दौरे पर भी वह उपस्थित नहीं रहे।

    जानकारी के अनुसार, कुमार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक (प्रशासन) रविन्द्र सिंह को मामले की जांच के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट उन्हें नौ सितंबर को मिली। निदेशक की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने नगर स्वास्थ अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अपर निदेशक चिकित्सा, आगरा से संबद्ध कर दिया।

    इसी सिलसिले में जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह शुक्रवार को नगर मजिस्ट्रेट गुलशन कुमार के साथ नगर की नई आबादी क्षेत्र हुमायूंपुर, सुहाग नगर पहुंचकर लोगों से झोलाछाप चिकित्सकों से उपचार नहीं कराने की अपील की और ऐसे चिकित्सकों के आठ क्लिनिकों को नगर मजिस्ट्रेट द्वारा तत्काल सील करवाया।

    वहीं एक अन्य कार्रवाई में शिकोहाबाद तहसील के प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, धनपुरा के गांव आमरी में लगे स्वास्थ्य विभाग के शिविर में चिकित्सकों द्वारा एक्सपायर (जिनकी उपयोगिता की तारीख समाप्त हो गयी हो) दवाइयां मंगलवार को वितरित किए जाने का मामला सामने आया।

    इस संबंध में मीडिया में खबर आने के बाद जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनेश कुमार प्रेमी से बात की गई तो उन्होंने इसकी जांच करा कर कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रेमी ने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला है कि फिजियोथेरेपिस्ट विजय कुमार द्वारा ने यह दवाइयां अपने पास से लोगों को बांटी थीं। उन्होंने बताया कि विजय कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया है और जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। (एजेंसी)