गाजीपुर. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक मिसाल देने वाली खबर सामने आई हैं। जिले के सेवराईं तहसील के बारा गांव में एक मुस्लिम बाप ने अपने हिंदू बेटे की हिंदू रीतिरिवाज से शादी की। इतना ही नहीं उन्होंने शादी में बैंडबाजे के ताल पर ठुमके भी लगाए। यह शादी देश में हिंदू-मुस्लिम के रिश्ते की मिसाल बन गई है। जिसके बाद से पिता की दुनियाभर में खूब तारीफ हो रही हैं। पिता का नाम मोहम्मद शेर खां है। वहीं बेटे का नाम पप्पू है।
दरअसल शेर खां ने 16 साल पहले पप्पू को गोद लिया था। उस समय उसकी उम्र सिर्फ आठ साल थी। पप्पू के बचपन में उसके माता-पिता का निधन हो गया था, जो बारा गांव के ही निवासी थे। माता-पिता के निधन के बाद पप्पू की देशभाल करनेवाला कोई नहीं था। जिसे देख शेर खां ने पप्पू को गोद लिया। शेर खां के इस बड़े कदम से उसके घर वालों को कोई दिक्कत नहीं थी। शेर खां ने पप्पू की पढ़ाया लिखाया और अच्छी परवरिश दी। वहीं उसकी शादी की उम्र हुई तो उसकी मर्जी से उसकी शादी पूरे हिंदू रीति रिवाज के अनुसार कराई।
घर भी बनवा दिया
शेर खां ने पप्पू की शादी उतरौली गांव के भगवान राम की पुत्री कश्मीरा से करवाई। पप्पू मोहम्मद शेर खां के साथ ही उनके मकान में रहता था, लेकिन अब शेर खां ने पप्पू के पुरानी झोपड़ी के स्थान पर एक कमरा बनवा दिया है जहां पप्पू अपनी पत्नी के साथ रह रहा है।
घर में सभी हिंदू त्यौहार मनाने की आजादी
शेर खां ने पप्पू को अपने घर में पूरी आज़ादी दे रखी थी। साथ ही कभी भी उसे उसका धर्म बदलने के लिए नहीं कहा। बचपन से पप्पू को घर में हिंदू धर्म को मानने और सभी हिंदू त्यौहार मनाने की आजादी है। इतना ही नहीं घर के सभी लोग पप्पू के साथ इन त्यौहारों को मनाते हैं। पप्पू खुद को बहुत भाग्यशाली मानते है जो उन्हें ऐसा परिवार मिला। उसे कभी महसूस नहीं होने देते कि उसके माता-पिता नहीं हैं। सभी लोग बहुत प्यार करते हैं और हर बात में सपोर्ट करते है।
शेर खां के चार सगे बेटे
बता दें कि शेर खां के चार सगे बेटे हैं। इसके बावजूद वह पप्पू को अपना छोटा बेटा मानते हैं। इसी तरह पप्पू भी शेर खां को अपना पिता और उनके बेटों को बड़ा भाई मानता है। शेर खां के चारों पुत्र बाहर रहते हैं। पप्पू घर पर रह कर खेतीबारी की देखभाल करता है।