सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आर्थिक रूप से मजबूत होंगे नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण: मंत्री नन्दी

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    लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी (Industrial Development Minister Nand Gopal Gupta Nandi) ने कहा कि नोएडा (Noida) और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) विकास प्राधिकरण के बकाया के मामले में जनहित को ध्यान में रखते हुए सर्वमान्य फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। क्योंकि यह फैसला पूरी तरह से जनहित का फैसला है। क्योंकि प्राधिकरण के पास जो सम्पत्ति और पैसा होता है, वह जनता का होता है, जनता के लिए प्राधिकरण को मुहैया कराया जाता है। मंत्री नन्दी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दोनों प्राधिकरणों को 19 हजार 301 करोड़ रूपए का लाभ होगा। प्राधिकरण की आर्थिक मजबूती से विकास कार्यों में तेजी आएगी।

    मंत्री नन्दी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से 10.06.2020, 10.07.2020, और 25.08.2020 के आदेश निष्प्रभावी होने से दोनों प्राधिकरण को कुल 19,301 करोड़ का वित्तीय लाभ हुआ है। उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के पश्चात ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के विकास कर्ताओं के अतिरिक्त अन्य बिल्डर्स द्वारा इन आदेशों का हवाला देते हुए अन्य परियोजनाओं और वाणिज्यिक, संस्थागत, स्पोर्ट्स सिटी, औद्योगिक आदि परियोजनाओं में भी इन आदेशों का लाभ दिए जाने की मांग की जा रही थी और विभिन्न न्यायालयों में वाद भी दायर किए जा रहे थे। इस प्रकार यदि इन सभी परियोजनाओं को इसका लाभ मिल जाता तो प्राधिकरण को होने वाली छती में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हो जाती। नोएडा प्राधिकरण के अन्य परिसंपत्तियों की लगभग 20,000 करोड़ की देवताओं और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अन्य परिसंपत्तियों की लगभग 9,190 करोड़ अर्थात कुल 29,190 करोड़ की अन्य देवताओं पर इन आदेशों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। इस क्षति से प्राधिकरण क्षेत्र में विकास परियोजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव संभावित था। औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपने स्वयं के वित्तीय स्रोतों से ही विकास कार्य और मुन्सिपल कार्यों का संचालन करते हैं। अतः इन कार्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना थी।

    इन आदेशों के पश्चात बिल्डर्स द्वारा देयताओं को जमा नहीं कराए जाने के फलस्वरूप विभिन्न परियोजनाओं के फ्लैट बायर्स के पक्ष में उप पट्टा प्रलेख का कार्य भी प्रभावित हो रहा था। उक्त निर्णय से दोनों प्राधिकरण में राजस्व प्राप्ति के साथ-साथ लगभग 40,000 फ्लैट बायर्स के पक्ष में उप पट्टा प्रलेख का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।

    इस प्रकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और मार्गदर्शन में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दायर की गई अधिकार एप्लीकेशन पर प्रभावी पैरवी के परिणाम स्वरूप उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 7.11.2022 को पारित आदेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भित्ति हित सुरक्षित रहे। न्यायालय की इस आदेश से जन सामान्य में दोनों प्राधिकरण के प्रति धारणा में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्राधिकरण की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। 

    फ्लैट खरीददारों के हित का अधिक से अधिक ध्यान रखा जाएगा

    मंत्री नन्दी ने कहा कि सरकार ने अभी तक बिल्डर्स को लगातार कई मौके दिए थे। कोविड के दौरान जीरो पीरियड का लाभ दिया गया, ब्याज माफ किया गया। इतनी रियायत देने के बाद भी अगर बिल्डर पैसा नहीं दे रहे थे। मंत्री नन्दी ने कहा कि बायर्स निश्चिंत रहें, बायर्स का हित सरकार के लिए सर्वोपरि है। बायर्स की रजिस्ट्री उनके नाम करवाने के लिए सरकार हर सम्भव कदम उठाएगी। फ्लैट खरीददारों के हित का अधिक से अधिक ध्यान रखा जाएगा। जिसको लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बायर्स यानी फ्लैट खरीददारों के हित को ध्यान में रखते हुए कोई एक्शन लें।