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    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब सरकारी राशन की दुकानों (Government Ration Shops) पर अब जाति प्रमाण पत्र (Certificate), आयुष्मान (Ayushman), आधार (Aadhar) और पैन कार्ड (Pan Card) भी बन सकेगा। सरकारी राशन की दुकानें ई-स्टांप की बिक्री के साथ ही प्रधानमंत्री से जुड़ी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में भी मदद करेंगी। प्रदेश में 80,000 से ज्यादा सरकारी राशन की दुकानें अब जनता के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद अब लोगों को तमाम सरकारी प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी राशन की दुकानों को कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के तौर पर विकसित किए जाने संबंधी करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में जहां प्रदेश सरकार और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू किया गया है। 

    प्रदेश के खाद्य और रसद आयुक्त सौरभ बाबू और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के स्टेट हेड अतुल राय ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कोटेदारों के लिए राशन बांटने का काम करने पर प्रति क्विंटल लाभांश को 20 रुपए बढ़ाने का भी एलान किया है। 

    कोटेदार का लाभांश 70 रुपए से बढ़कर 90 रुपये प्रति क्विंटल हुआ

    इस तरह अब प्रदेश में सरकारी राशन की 80,000 से ज्यादा दुकानों का संचालन कर रहे कोटेदारों का लाभांश प्रति क्विंटल 70 से बढ़कर 90 रुपए हो गया है। इस वृद्धि से सरकार के खजाने पर करीब 200 करोड़ रुपए का सालाना बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश भर की सभी उचित दर की दुकानों का और अपग्रेडेशन करने जा रही है। 

    राज्य के 80,000 कोटेदार सीएससी की सेवाओं से जुड़ेंगे

    इस मौके पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएससी की सेवाओं से प्रदेश के 80,000 कोटेदार जुड़ेंगे तो न केवल उनकी आय में इजाफा होगा बल्कि दूसरों को रोजगार भी दे सकेंगे। इन सीएससी से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ जनता अपने घर के नजदीक मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पूरे देश में बेहतरीन है। 

    एक राष्ट्र एक कार्ड की अवधारणा से जुड़ते हुए तकनीकी को अपना कर यहां के उन कार्ड धारको को नेशनल पोर्टेबिलिटी से जोड़ा गया जो काम के चलते महाराष्ट्र, पंजाब गुजरात या अन्य राज्यों में हैं। इस सुविधा को लागू करने के बाद उत्तर प्रदेश के 11,44,612 नागरिक अपने राशनकार्ड पर वहां खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। जबकि अन्य राज्यों के 42,049 नागरिक भी उत्तर प्रदेश में खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं।