इंदौर की तर्ज पर होगी अब यूपी के शहरों की साफ-सफाई

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    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : स्वच्छता (Cleanliness) के मामले में देशव्यापी सर्वे में कई सालों से अव्वल आ रहा इंदौर शहर (Indore City) अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बड़े शहरों (Cities) में सफाई (Cleanliness) का मॉडल बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देशों पर उत्तर प्रदेश के उच्च अधिकारियों की टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का दौरा कर वहां की सफाई व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण और कूड़े से सीएनजी बनाने की प्रक्रिया की जानकारी ली। अधिकारियों की टीम ने इंदौर के ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का भी दौरा कर वहां की कार्यप्रणाली को समझा है। खुद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भी इंदौर जाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित बायो सीएनजी प्लांट को देखा है। अधिकारियों की इस टीम में उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन निदेशक सहित नगर निकायों के 13 प्रतिनिधि शामिल रहे। अब इंदौर के मॉडल को उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों पर लागू करने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। इंदौर मॉडल को अपनाने के बाद यूपी के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में भी सुधार आएगा। 

    इंदौर जाने वाली चीम में मथुरा-वृंदावन, झांसी, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, फर्रुखाबाद, कुशीनगर, मुरादाबाद और गोरखपुर के नगर निकायों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इंदौर में उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों का दल दो दिवसीय दौरे पर सफाई व्यवस्था के साथ बायो सीएनजी प्लांट को देखने के लिए गया था। टीम ने इंदौर में बायो सीएनजी प्लांट के निरीक्षण के साथ ही निगम की वर्कशाप और सिटी बस ऑफिस में कंट्रोल कमांड सेंटर देखा। सिटी बस आफिस में निगम के अफसरों ने प्रजेंटेशन के माध्यम से उन्हें विगत छह साल में सफाई के लिए किए कार्यों के बारे में बताया। 

    उत्तर प्रदेश के अफसरों ने इंदौर निगम के अफसरों से पूछा कि उन्होंने इंदौर शहर में स्पॉट फाइन और कचरा संग्रहण शुल्क को कैसे वसूला। निगम के अफसरों ने उन्हें बताया कि हमने पहले शहर में कचरा संग्रहण शुल्क तय किया। इसके पहले डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन वार्ड में समय पर पहुंचे, यह सुनिश्चित किया। अफसरों ने पूछा कि यदि कोई स्पॉट फाइन न दे तो क्या होगा। निगम के अफसरों ने बताया कि लगातार गलती करने पर निगम संबंधित के भवन निर्माण की नपाई कर उस पर कार्रवाई करता है। 

    उत्तर प्रदेश के शहरों में कूड़े से सीएनजी बनाने की परियोजना के मद्देनजर मुख्य सचिव के साथ नगर निकाय प्रतिनिधियों की टीम ने इंदौर के बायो सीएनजी प्लांट की व्यवस्था को समझा। उत्तर प्रदेश के शहरों में नगर निकायों के माध्यम से 300 से 400 टन गीले कचरे से बायो सीएनजी वाले प्लांट तैयार किए जाने की योजना हैं। इंदौर के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर वहां की नगर आयुक्त और प्लांट संचालन कंपनी इंदौर क्लीन एनर्जी के संचालक दीपक अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश से आए प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्हें बताया गया कि इंदौर में 500 टन गीले कचरे से 17 हजार किलों बायो सीएनजी तैयार करने वाला प्लांट लगाया गया है। इसके निर्माण की लागत पांच साल में ही निकल जाएगी। मुख्य सचिव ने बताया कि इंदौर वाले उत्तर प्रदेश के अधिकारी अपने नगर निकाय, क्षेत्रीय नगर निकायों और प्रदेश स्तर पर रिसोर्स पर्सन बनेंगे।