यूपी चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ जाएंगे ओमप्रकाश राजभर, अखिलेश से मुलाकात के बाद किया भाजपा के सफाए का एलान

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : अगले पांच महीनों में हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Elections) में ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) की सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ रहेगी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से बुधवार को मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने यह साफ किया है। लगभग एक घंटे की मुलाकात के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने विधानसभा चुनावों में सीटों के समझौते से लेकर साझा चुनाव प्रचार करने जैसी कई बातों पर सहमति बनाई। राजभर ने कहा कि उन्होंने ने समाजवादी पार्टी, बसपा, कांग्रेस, भाजपा को निमंत्रण दिया था। अखिलेश यादव ने उनके न्योते को स्वीकार किया और उनसे एक घंटे तक बात हुई। 

    सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि 27 तारीख को महापंचायत रखी है जिसमें वंचित, दलित अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल होंगे और सीटों के लिए बैठ कर बात कर लेंगे। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एक सीट भी समाजवादी पार्टी नहीं देगी तो भी हम उसके साथ रहेंगे। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने 27 अक्टूबर को पूर्वांचल के मऊ जिले में एक रैली का आयोजन किया है। राजभर ने इस रैली में ही अपने चुनावी गठबंधन के बारे में एलान करने की बात कही थी। सुभासपा के नेताओं का कहना है कि अब मऊ में होने वाली रैली को अखिलेश यादव भी संबोधित करेंगे और वहीं दोनों पार्टियां साथ चुनाव लड़ने का औपचारिक ऐलान कर देंगी।

    समाजवादी पार्टी के सिंबल के साथ भी चुनाव लड़ेंगे

    पूर्वांचल की करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर सुभासपा के प्रत्याशी सपा की मदद से चुनाव लड़ेंगे। कुछ सीटों पर राजभर के लोग समाजवादी पार्टी के सिंबल के साथ भी चुनाव लड़ेंगे। ओमप्रकाश राजभर के इस एलान के बाद अब साफ हो गया है कि छोटे दलों का भागीदारी मोर्चा नाममात्र का रह गया है। इस मोर्चे में शामिल कई दल पहले ही समाजवादी पार्टी के साथ आ चुके हैं।

     

    मुलाकात के तुरंत बाद सपा ने ट्वीट कर लिखा कि अबकी बार, भाजपा साफ… सुभासपा और सपा आए साथ ।उन्होंने आगे लिखा कि दलितों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के दिन बचे हैं चार। 

    स्वतंत्रदेव सिंह से की थी मुलाकात 

    गौरतलब है कि बीते सप्ताह ही ओमप्रकाश राजभर ने अपने भागीदारी मोर्चे के सहयोगियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि उनके मुद्दे पर समर्थन देने पर वो किसी के साथ भी जा सकते हैं यहां तक कि भाजपा के साथ भी। पिछले महीने ओमप्रकाश राजभर के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने मुलाकात भी की थी। माना जा रहा था कि राजभर एक बार फिर भाजपा के साथ जा सकते हैं।

    राजभर ने भाजपा से बनाई दूरी

    अति पिछड़ी जाति में शुमार राजभर बिरादरी के वोट पूर्वांचल की कई सीटों पर खासी तादाद में हैं। इनमें देवरिया, बलिया, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, बहराइच, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिले शामिल हैं। खुद ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद सीट से विधायक चुने गए थे। बीते विधानसभा चुनावों में राजभर की पार्टी सुभासपा ने भाजपा के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था और आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे जिनमें से चार जीते थे। योगी सरकार में ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे पर राजभर की भाजपा से ठन गयी थी और उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर होना पड़ा और गठबंधन टूट गया था।

    छोटे दल भी सपा के पाले में आ सकते हैं

    राजभर की पार्टी सुभासपा का साथ पाने के बाद भागीदारी मोर्चे में शामिल कई अन्य छोटे दल भी सपा के पाले में आ सकते हैं। मोर्चे में शामिल महानदल, जनवादी क्रांति पार्टी पहले ही सपा के साथ आ चुकी हैं। मोर्चे के एक प्रमुख दल शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) की भी बात सपा के साथ चल रही है। हालांकि वहां भी सीटों को लेकर बातचीत किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंची पर माना जा रहा है कि देर सबेर समझौता हो ही जाएगा।