Power Crisis
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बिजली संकट (power crisis) के चलते लोगों का बुरा हाल है। बिजलीकर्मियों की हड़ताल (strike of electricians) से यहां का जनजीवन बेहाल है। बिजली संकट के चलते अब शहर और गांव में पानी का भी संकट गहरा गया है। आज रविवार को हड़ताल का तीसरा दिन है। राजधानी लखनऊ के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, प्रयागराज, प्रतापगढ, सुल्तानपुर जैसे कई जिलों में बिजली संकट से लोग परेशान हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी (Yogi Adityanath) आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री तक अपने अपने स्तर पर डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं। फिलहाल अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। 

उत्तर प्रदेश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वाराणसी में तीन गुने दाम पर पीने का पानी मिला। शहर भी अंधेरे में डूबा रहा। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ वाराणसी के दौरे पर आये थे। सुबह सुबह वह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचे थे लेकिन बिजली नहीं थी। फ़िलहाल यहां बिजली न आने से पानी की सप्लाई भी नहीं हुई। बताया जा रहा है कि अब लोग चंदा जुटाकर जेनरेटर मंगवाकर और सबमर्सिबल से पानी की टंकियां भर रहे है। वहीं, पानी के 20 रुपये के केन के लिए 60 रुपये की वसूली शुरू हो गई है।

यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर जगह-जगह देखने को मिल रहा है। सरकार भले ही जनता को राहत देने का दावा कर रही हो लेकिन हकीकत इससे उलट है। बिजली-पानी की किल्लत से परेशान लोगों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए जल्द से जल्द सप्लाई बहाल कराने की मांग की है। 

बता दें कि यूपी में करीब 1 लाख बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। बिजली संकट की वजह से कई शहरों में बिजली गुल  है। ऐसे में बेहाल जनता कई जगहों पर सड़कों में उतरी और लोगों ने जल्द से जल्द बिजली की आपूर्ति कराने की मांग की है। 

यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट के सख्त होने के बाद अब यूपी सरकार ने भी कड़ा एक्शन लिया है। सरकार ने कई जिलों में तैनात सैकड़ों आउटसोर्सिंग संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है। इसके साथ ही कर्मचारी उपस्थित नहीं करा पाने पर करीब 7 एजेंसियों पर केस दर्ज किया गया है। काम नहीं करने वाले कर्मचारी पर तत्काल FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।