गंगा और कावेरी की ज्ञानधारा के संगम पर पीएम मोदी ने तमिलनाडु से बनारस आए धर्माचार्यों का किया सम्मान

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    वाराणसी : आगामी 16 दिसंबर तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम (Kashi-Tamil Sangamam) में कला (Art) और संस्कृति (Culture) के विविध रूप देखने को मिलेंगे। शिक्षा, साहित्य, पुरातत्व, इतिहास, कला, संगीत, योग, आयुर्वेद और व्यापार आदि से जुड़े तमिलनाडु से अतिथियों का समूह काशी आने लगा है। काशी दर्शन के पश्चात ये सभी अयोध्या और प्रयागराज भी भ्रमण करने जाएंगे। आयोजन के दौरान बौद्धिक, सांस्कृतिक, अध्यात्मिक और कलात्मक विषयों पर विभिन्न संगोष्ठियां होंगी। 

    इसके अलावा कार्यक्रम में दक्षिण भारतीय संगीत परंपरा और कला की भी झलक दिखेगी। कलाकारों की ओर से शास्त्रीय नृत्य, भरतनाट्यम और लोक नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी। कला-संस्कृति, संगीत परंपरा, लोक जीवन शैली और धरोहरों पर आधारित प्रदर्शनी के साथ ही तमिल फिल्म महोत्सव और दक्षिण भारतीय व्यंजनों का फूड फेस्टिवल भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। संगमम में कुल 75 स्टाल लगाए गए हैं, जो कृषि, संस्कृति, साहित्य, संगीत, खानपान, हैंडलूम और हेंडीक्राफ्ट, लोककला के माध्यम से दक्षिण भारत और उत्तर भारत के बीच सेतु का काम करेंगे। इन उत्पादों में तमिलनाडु के जीआई और ओडीओपी उत्पाद भी शामिल हैं। काशी के भी कुछ आर्टिजन जीआई उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे।

    काशी में तमिलनाडु के धर्माचार्यों का पीएम मोदी ने किया स्वागत 

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू के एम्फीथियेटर ग्राउंड में काशी तमिल संगमम का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने तमिलनाडु के प्रमुख मठ मंदिरों के आधिनमों (धमाचार्य) का सम्मान किया। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के जिन नौ आधिनमों का सम्मान किया उनमें धर्मपुरम के आधीनम श्रीमद माणिक्कवाचक तंबिरान, सूर्यनार के आधिनम स्वामी शिवकर देशिकर्, वेलांकुरिच्ची के आधीनम श्रीलश्री सत्य ज्ञान महादेव देशिक परमाचार्य स्वामिगल, सेंकोल के आधीनम शिवप्रकाश देशिक सत्य ज्ञान पण्डार सन्नदि, बोम्मपुरम के आधीनम शिवज्ञान बालय स्वामिगल, तुलावूर के आधीनम ज्ञानप्रकाश देशिकर, कामाक्षीपुरी के आधीनम शिवलिंगेशवर स्वामी कंदस्वामी, शिवपुरम के आधीनम मायाकृष्णन स्वामी दिण्डुक्कल और पल्लडम सेंजेरी के आधीनम मुत्तु शिवरामस्वामी शामिल रहे।