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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विकास का एजेंडा (Development Agenda) तय करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने औद्योगिक निवेश (Industrial Investment) को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर बड़ी छलांग लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत अगले सौ दिनों में एक भव्य ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन लखनऊ में किया जाएगा। इस ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (Ground Breaking Ceremony) में उद्योग जगत के सभी प्रमुख औद्योगिक घरानों के मुखिया मौजूद रहेंगे। इस आयोजन के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश को यूपी में लाने की कवायद शुरू होगी।  

    गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के जरिए रोजगार के अधिक्तम अवसर उपलब्ध कराना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। यूपी में सबने देखा है कि मार्च, 2017 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आई थी, तब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी युवाओं को रोजगार देना। इसका संज्ञान लेते हुए ही  शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन के सभी प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ बैठक करके यूपी में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने पर चर्चा की थी।

    नई औद्योगिक नीति बनाने के निर्देश 

    इस बैठक में मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति बनाने के निर्देश देने के साथ ही 21 और 22 फरवरी 2018 को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन लखनऊ में करने का फैसला किया। इस इन्वेस्टर्स समिट के जरिए मुख्यमंत्री ने लखनऊ के साथ-साथ यूपी की तस्वीर देश में बदलने की कोशिश की। जिसमें काफी हद तक सरकार सफल भी रही। अब फिर उसी तर्ज पर राज्य में भव्य ग्राउंड सेरेमनी का आयोजन करने की तैयारी है।

    पूरा रोडमैप तैयार किया था

    योगी सरकार के पहले कार्यकाल में यह पहला मौका था जब इतने बड़े पैमाने पर देश के जाने-माने उद्योगपतियों ने समिट में हिस्सा लिया। योगी सरकार को इस आयोजन में देश के नामी उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया था और समिट के दौरान 4.65 लाख करोड़ रुपए के 1065 एमओयू साइन हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुए इस आयोजन में पहली बार राज्य में बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एमओयू इस समिट में साइन हुए थे। इस समिट के दौरान यूपी में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी के जरिए सरकार ने पूरा रोडमैप तैयार किया था। तब हर जिले के पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट योजना को भी बढ़ावा दिया था। इस इन्वेस्टर्स समिट के बाद सरकार ने 28 जुलाई को यूपी में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, कुमार मंगलम बिड़ला जैसे बड़े नामी   उद्योगपति इसमें शामिल हुआ थे। इस ग्राउंड  ब्रेकिंग सेरेमनी में 60 हजार करोड़ रुपए से अधिक के प्रस्ताव यूपी में स्थापित करने के समझौते हुए थे।

    4.65 लाख करोड़ के 1045 निवेश प्रस्ताव सरकार को सौंपे थे

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर हुए इनवेस्टर समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से बीते पांच यूपी में औद्योगिक निवेश की तस्वीर बदली है। कहा जा रहा है कि ये दोनों आयोजन राज्य में औद्योगिक निवेश को लाने का एक्सप्रेस-वे साबित हुआ। औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इंवेस्टर समिट में देश विदेश के बड़े निवेशकों ने 4.65 लाख करोड़ के 1045 निवेश प्रस्ताव सरकार को सौंपे थे। जिसमें से 215 निवेशकों ने 51,240.25 करोड़ रुपए का निवेश कर अपने उद्यम स्थापित कर दिए हैं। जबकि 130 निवेशक 37,478.63 करोड़ रुपए का निवेश कर अपना उद्यम स्थापित कर रहे हैं और 449 निवेशक 86,842.89 का निवेश कर अपना उद्यम स्थापित करने की कार्रवाई कर रहे हैं। राज्य की जीडीपी तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए इस तरह के औद्योगिक निवेश का आना जरुरी था। 

    कोरोना के दौरान भी हुआ निवेश

    कोरोना संकट के दौरान भी राज्य में 96 निवेशकों ने 66,000 करोड़ रुपए का निवेश यूपी में करने की पहल की। यहीं नहीं यूपी के डिफेंस कारिडोर में 50 हजार करोड़ रुपए के होने वाले निवेश से पांच लाख लोगों के रोजगार पाने के अवसर बने। अब डिफेंस कारिडोर के चलते लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनेगी और अलीगढ़ नोड में 1,245 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो रहा है। राज्य में औद्योगिक निवेश के इस सिलसिले को बढ़ाने में अब सौ दिनों में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी अहम भूमिका निभाएगी। इसके जरिए प्रदेश में करीब 10 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने की शुरुआत होगी। संकल्प पत्र में इस लक्ष्य को रखा गया है। इस लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए उच्च स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है। उद्योग जगत के नामी लोगों को इस आयोजन में आमंत्रित कर यूपी में बने औद्योगिक निवेश के माहौल को और बेहतर किया जाएगा।