काशी विश्वनाथ मंदिर में राष्ट्रपति ने किया पूजन-अर्चन, भव्य गंगा आरती देख हुईं अभिभूत

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    वाराणसी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( President Draupadi Murmu) सोमवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple)  में दर्शन पूजन किया। नव्य-भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ की अलौकिकता को देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखीं। इससे पहले वे काशी (Kashi) के कोतवाल बाबा काल भैरव मंदिर (Kaal Bhairav Temple) में भी दर्शन पूजन करने पहुंचीं। वहीं शाम को दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की भव्य आरती में शामिल हुई। जहां उन्होंने खुद भी मां गंगा की आरती उतारकर विश्व कल्याण की कामना की। 

    एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर किया। इसके उपरांत राष्ट्रपति सबसे पहले काल भैरव मंदिर पहुंचीं और विधि विधान से पूजा अर्चना की। यहां दर्शन पूजन के पश्चात मंदिर के पुजारी ने राष्ट्रपति को स्मृति चिह्न के रूप में बाबा काल भैरव की तस्वीर एवं प्रसाद भेट किया।

    पूजा अचर्ना की

    राष्ट्रपति इसके उपरांत काशी विश्वनाथ धाम स्थित विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पहुंचीं। यहां उन्होंने षोडषोपचार विधि से पूजा अचर्ना की। बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था टेकने के बाद राष्ट्रपति ने सभी प्राणियों के मंगल की कामना की। उन्होंने भव्य विश्वनाथ धाम का भी अवलोकन किया और इसकी खूबसूरती की प्रशंसा की। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से राष्ट्रपति का अंगवस्त्रम पहनाकर एवं स्मृति चिह्न भेंट करके विशेष स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। 

    राष्ट्रपति ने स्वयं भी मां गंगा की आरती उतारी

    पहली बार काशी आगमन पर वाराणसी में हर तरफ उत्साह देखने को मिला। सड़क पर खड़े लोगों ने राष्ट्रपति का हर-हर महादेव के जयघोष से अभिवादन किया। उनका काफिला जिधर से भी गुजरा लोगों ने हर हर महादेव से उनका स्वागत किया। शाम को दशाश्वमेध घाट पर भव्य गंगा आरती को देख राष्ट्रपति भावविभोर हो गयीं। उनके स्वागत में गंगा आरती को देव दीपावली की तर्ज पर भव्य रूप प्रदान किया गया था। साथ ही घाट को दिये की रोशनी से जगमग किया गया था। इस दौरान राष्ट्रपति ने स्वयं भी मां गंगा की आरती उतारी। वहीं आरती के दौरान राम जनम योगी द्वारा लंबे शंखनाद को सुनकर राष्ट्रपति हतप्रभ रह गयीं। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए दशाश्वमेध घाट के अलावा अन्य घाटों को भी दीपों से सजाया गया था। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किये गये थे।