UP Roadways

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– राजेश मिश्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के खस्ताहाल सरकारी बस स्टेशनों (Bus Stations) के दिन सुधरने वाले हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों के 17 बस स्टेशनों को शॉपिंग मॉल (Shopping Mall), होटल (Hotel) सहित आधुनिक साज सज्जा के साथ विकसित किया जाएगा। बस अड्डों पर सभी तरह की यात्री सुविधाओं के साथ ही ख़रीददारी करने के लिए दुकानें, ठहरने के लिए होटल, बैंक एटीएम (ATM), टैक्सी काउंटर (Taxi Counter) व रेस्टोरेंट (Restaurant) बनाए जाएंगे।

प्रदेश के बड़े शहरों के इन 17 चुने गए स्टेशनों का कायाकल्प करने के लिए निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) (PPP) का मॉडल अपनाया जाएगा। पीपीपी के तहत बस स्टेशनों का निर्माण करने वाले निवेशकों को सरकार कई तरह की सहूलियतें देगी। इस योजना के तहत राजधानी लखनऊ के तीन सरकारी बस स्टेशनों का कायकल्प होगा। प्रदेश के कानपुर (Kanpur), गाज़ियाबाद (Gaziabad), प्रयागराज (Prayagraj) के सिविल लाइंस (Civil Lines) और जीरो रोड (Zero Road) के साथ वाराणसी (Varanasi), बरेली (Bareli), मेरठ (Meerut), आगरा ईदगाह (Agra Eidgaah), फोर्ट व ट्रांसपोर्टनगर, अयोध्या (Ayodhya), गोरखपुर (Gorakhpur), मथुरा (Mathura) व रायबरेली (Raibareli) बस स्टेशनों को निजी क्षेत्र की मदद से विकसित किया जाएगा। राजधानी के चारबाग, अमौसी और गोमतीनगर बस स्टेशनों को भी शामिल किया गया है।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) (यूपी रोडवेज) (UP Roadways) के अधिकारियों के मुताबिक, पीपीपी मॉडल पर प्रदेश के 17 बस स्टेशनों का निर्माण करने के लिए निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। हालांकि, पहले 23 बस स्टेशनों को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था पर बाद में वाणिज्यिक रुप से कमजोर छह स्टेशनों को इस सूची से हटा दिया गया। बस स्टेशनों को आधुनिक रुप देने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों को परिवहन निगम कई तरह की छूट देगा।

पूर्व में निगम के राजधानी स्थित आलमबाग बस स्टेशन का निर्माण पीपीपी माडल के तहत किया जा चुका है। कोरोना संकट के बाद निगम ने कई नियमों व शर्तों में बदलाव के साथ एक बार फिर से 17 बस स्टेशनों की सूरत संवारने का काम शुरु किया है। पीपीपी माडल पर बनने वाले इन बस स्टेशनों के संचालन के लिए निजी कंपनी के साथ 90 सालों के लिए करार किया जाएगा। योजना के तहत निजी क्षेत्र को दिए जाने वाले इन बस स्टेशनों में नीचे बसों का आवागमन होगा तो उपर व्यवसायिक कांपलेक्स बनाया जाएगा। 

अधिकारियों का कहना है कि पीपीपी मॉडल के तहत चयन के लिए निजी कंपनियों से टेंडर मांगे गए हैं। अगले साल की शुरुआत में इन बस स्टेशनों पर काम शुरु होगा। उनके मुताबिक, प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर रोडवेज बस स्टेशनों की मौजूदगी शहर के बीच प्राइम लोकेशन पर हैं जिसके चलते प्रारंभिक दौर की बातचीत में काफी कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है।