Priyanka Gandhi shout in PM Narendra Modi stronghold, Congress is upset with the crowd, then a cause of concern for BJP

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    राजेश मिश्र

    लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मिशन 2022 के लिए कांग्रेस महासचिव (Congress General Secretary) और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी जहां अभी तक संगठन के कील कांटों को दुरुस्त करने में लगी रहीं वहीं चुनाव नजदीक आते ही रविवार को अपनी पहली रैली को भी संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी के गढ़ काशी से यूपी मिशन के आगाज की शुरुआत करने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा रैली में आए हुजूम को देख प्रियंका गदगद दिखी और कांग्रेसी उत्साहित रहे।

    वहीं किसान आंदोलन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी नुकसान की आशंका और फिर रूहेलखंड के लखीमपुर कांड का दंश झेल रही भाजपा को यूपी के पूर्वांचल में कांग्रेस की इस रैली में उमड़ी यह भारी भीड़ उसके लिए चिंता का सबब बन गया है। किसान न्याय रैली में प्रियंका गांधी के सत्तापक्ष पर दिए गए आक्रामक भाषण ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया। प्रियंका ने अपने भाषण में यूपी में पिछले साढ़े चार साल में हुई घटनाओं में जिसको लेकर वह सड़क पर जिक्र करते हुए कहा कि चाहे मार डालो या डालो जेल, यूपी को बदलने के लिए बिना रुके लड़ते रहेंगे। प्रियंका के इस ऐलान ने लोगों में भावुकता और जोश की लहर भरने का काम किया जिसके बाद जिंदाबाद के नारों से आकाश गूंज उठा।   

    अपनी वापसी के सकारात्मक संकेत दे दिए हैं

    गौरतलब है कि बनारस की रैली में उमड़ी इस ऐतिहासिक भीड़ का अंदाजा खुद कांग्रेस के नेताओं को भी नहीं था। पहले वह दबी जुबान में करीब एक लाख लोगों के इकट्ठा होने की बात कह रहे थे।   जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रविवार को प्रियंका की किसान न्याय रैली में यह संख्या लाख से कहीं ज्यादा की रही। जानकार जहां कांग्रेस की इस रैली को उसके जोरदार कमबैक के रूप में देख रहे हैं वहीं बीजेपी के लिए इसको ठीक नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि प्रियंका के दो वर्षों से संगठन को दुरुस्त करने का ही यह परिणाम रहा कि वर्षों बाद कांग्रेस संगठन ने जबरदस्त ताकत दिखाते हुए अपनी वापसी के सकारात्मक संकेत दे दिए हैं।

    संगठन पर हुई मेहनत का परिणाम

    पश्चिम यूपी में किसानों के आंदोलन से उपजी नाराजगी से हुए सियासी नुकसान को कम करने और किसानों की इस नाराजगी के विस्तार को रोकने में जुटी भाजपा के लिए लखीमपुर की घटना ने इसको रूहेलखंड तक पहुंचा दिया।   और अब कांग्रेस के किसान न्याय रैली में उपजी भीड़ को देख पूर्वांचल में इसकी धमक को समझा जा सकता है। कार्यक्रम में आये हुजूम को देख कांग्रेस कमेटियों का जोश जहां आसमान पर है वहीं कांग्रेस इसे संगठन पर हुई मेहनत का परिणाम बता रही है।  

    बताते चलें कि अपने 28 मिनट के संबोधन में प्रियंका गांधी केवल यूपी सीएम योगी और पीएम मोदी पर आक्रामक रहीं। आध्यात्मिक नगरी काशी में प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन की शुरुआत भी आस्था से किया जोकि बहुसंख्यकों के लिए एक संदेश भी रहा। प्रियंका ने कहा कि आज नवरात्रि का चौथा दिन मैं व्रत हूं, तो मैं शुरुआत मां की स्तुति से शुरू करना चाहती हूं। संस्कृत के एक श्लोक ” या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तसतस नमस्तसतस नमस्तसतस नमो नमः” और ” सर्व मंगल मांगल्ए शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ए त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते” से प्रियंका ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए जयकारा भी लगवाया।   उन्होंने कहा कि मेरे साथ कहिए जय माता दी जय माता दी जय माता दी।  

    दीदी हमें न्याय चाहिए

    प्रियंका ने अपने भाषण में कहा कि दो साल से मैं यहां काम कर रही हूं और यहां की जो सच्चाई मैंने देखी वह आपसे बयां कर रही हूं। उन्होंने कहा कि शुरू में सबसे पहले सोनभद्र में घटना हुई। उम्भा में पुलिस प्रशासन की सहमति से कुछ लोग गरीबों की जमीन छीनने की कोशिश कर रहे थे वह जीप से आए और गोली चलाई 13 लोगों को शहीद किया।   उम्भा में नरसंहार हुआ जब मैं उनसे मिलने गई तो वह कह रहे थे हमें मुआवजा नहीं इंसाफ चाहिए।  फिर उसके बाद कोरोना हुआ जिसमें सरकार मदद के बजाय आक्रामक हो गयी।   कोरोना काल में जो अस्पताल कह रहा था कि हमारे पास आक्सीजन नहीं है, सरकार उस पर हमले कर रही थी।   सभी को न्याय की उम्मीद नहीं दिख रही थी। उसके बाद हाथरस की घटना हुई परिवार को न्याय नहीं मिला।पुलिस ने परिवार को बिना मिलाए लाश चला दी।   उनके घर के लोगों ने भी हमें यही कहा दीदी हमें न्याय चाहिए।  

    हमें मुआवजा नहीं चाहिए हमें न्याय चाहिए

    अब लखीमपुर में भी यही हुआ जिसको पिछले हफ्ते से हम देख रहे हैं।   देश के केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे ने अपनी गाड़ी के नीचे किसानों को निर्ममता से कुचल दिया। और सब परिवार यही कहते हैं कि हमें पैसे नहीं चाहिए, हमें मुआवजा नहीं चाहिए हमें न्याय चाहिए। लेकिन हमें न्याय दिलवाने वाला इस सरकार में कोई नहीं दिख रहा है। आगे उन्होंने कहा कि आपने देखा कि मेरी गिरफ्तारी की गई, पूरी पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए लग गई।  न्याय दिलवाने के बजाए पुलिस मंत्री और उनके परिवार को बचाने में लग गई।  

    मेरे देश की महिलाओं को मेरे देश में न्याय मिलना चाहिए

    पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि यह जिस आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं उसको किसने दी थी।   यह आजादी किसानों ने दी जिसका यह उत्सव मना रहे हैं। वहां किसान के बेटे ने सीमा पर देश को सींचा और देश के अंदर किसानों ने देश को अन्न दिया।   यह देश एक आस्था है एक उम्मीद है इसलिए न्याय की उम्मीद पर इस देश को आजादी मिली। जब महात्मा गांधी आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए गए तो उनके दिल में ख्याल था कि मेरी जनता को मेरे देश में , मेरे किसानों को मेरे देश में, मेरे देश की महिलाओं को मेरे देश में न्याय मिलना चाहिए।  

    हत्यारों को बचाया जा रहा है

    उन्होंने आगे कहा कि में लखीमपुर के पीड़ितों से मिली, नछत्तर सिंह के घर गई। सभी के घर वालों ने यही कहा कि हमें न्याय चाहिए।  लेकिन सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है, हत्यारों को बचाया जा रहा है। देश के किसानों ने 9-10 महीनों से एक आंदोलन जारी रखा है। लगातार आंदोलन चल रहा है 600 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं। ये आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह जानते हैं यह सरकार के बनाए जो तीन काले कानून हैं,  उनके खेत, उनकी आमदनी, उनके फसल सब उद्योगपतियों के कब्जे में जाने वाली है। जो सेब पहले ₹88 किलो किसान बेच रहे थे अब वह ₹70 किलो बेचा जा रहा है क्योंकि उनके फसल की कीमत खरबपति तय कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि उत्तर प्रदेश आओगे तो सुधार देंगे यह भाषा क्या शोभा देती है। प्रधानमंत्री देश विदेश घूम रहे हैं लेकिन उनको किसानों से मिलने की फुर्सत नहीं है।