यह हैं प्रसिद्ध भारतीय मंदिरों के शिल्पकार

Loading

लखनऊ : आज पूरे विश्व में हिन्दू धर्म को मानने वालों में राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुकता व चर्चा है. ऐसे में देश के प्रमुख नव निर्मित मंदिरों के डिजाइन से लेकर निर्माण तक का करीब 15 पीढ़ियों से काम करने वाले गुजरात के सोमपुरा परिवार को आधुनिक विश्वकर्मा कहना अनुचित नहीं होगा. वास्तुकला के शिल्पी कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की तरह ही राम मंदिर के डिजाइन बनाने को लेकर चर्चा में आये आर्किटेक्ट चन्द्रकांत सोमपुरा का पारिवारिक इतिहास भी कुछ इसी तरह का है. करीब 15 पीढ़ियों से मंदिरों के डिजाइन का काम करने वाले इस परिवार की तीसरी और चौथी पीढ़ी की देखरेख में 5 अगस्त को ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने जा रहा है. एक शिखर और पांच विशाल मंडपों के गुंबद से सुशोभित तीन तल का 84 हजार 600 वर्गफुट का यह विशाल राम मंदिर अब तक बने नागर शैली के मंदिरों में सबसे अलग और विश्वभर में अनूठा होगा.  

पीढ़ियों से मंदिर बनाने की शिल्पकला में जुटा सोमपुरा परिवार अयोध्या के राम मंदिर का डिजाइन तैयार करने से पहले अक्षरधाम, सोमनाथ और अंबाजी जैसे कई महत्वपूर्ण मंदिरों का डिजाइन तैयार कर चुका है. भारत में सामान्यत: तीन शैलियों नागर, द्रविड़ और बैसर में मंदिर निर्माण किया जाता रहा है. गुजरात के अहमदाबाद से आने वाला सोमुपरा परिवार नागर शैली के मंदिरों की वास्तुकला के विशेष जानकार माने जाते हैं और अयोध्या का राम मंदिर भी नागर शैली में बनाया जा रहा है. देश ही नहीं विदेशों में भी मंदिर का नक्शा बनाने वाले सोमपुरा परिवार के पीढ़ियों से करीब-करीब सभी सदस्य मंदिर निर्माण के ही काम से जुड़े हुए है.  

पहले दादा ने सोमनाथ तो अब पोता बनाएगा राममंदिर

अयोध्या में होने जा रहे राममंदिर शिलान्यास में सबसे रोचक जानकारी दुनिया में सौ से अधिक मंदिर बनाने वाले सोमपुरा परिवार से है.  राम मंदिर का डिजाइन बनाने वाले चंद्रकांत सोमपुरा के दादा ने सोमनाथ मंदिर का पुनरोद्वार किया था तो वहीं अब उनका बेटा आशीष सोमपुरा उनके साथ मिलकर राममंदिर को भव्य रूप देने जा रहा है. सोमुपरा परिवार ने अब तक दुनियाभर में 131 से ज्यादा मंदिर की डिजाइन तैयार किए हैं. पद्मश्री से सम्मानित तथा शिल्प शास्त्र पर 14 किताबें लिखने वाले चंद्रकांत सोमुपरा के पिता प्रभाशंकर सोमपुरा ने ही गुजरात के सोमनाथ मंदिर का डिजाइन तैयार किया था. सोमनाथ मंदिर से लेकर अंबाजी मंदिर तक इस परिवार ने हिन्दू जैन एवं स्वामीनाथ सम्प्रदाय के लंदन, सिंगापुर, पिट्सबर्ग और अमेरिका में कई मंदिरों को डिजायन ओर बनवाने का काम सोमपुरा परिवार द्वारा किया गया है.

रामजन्मभूमि मंदिर की डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट चन्द्रकांत सोमपुरा ने आज से करीब ढाई दशक पहले विश्व हिन्दू परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राममंदिर का पूरा माडल तैयार किया था. चंद्रकांत सोमपुरा का परिचय 1989 में विश्वहिंदू परिषद के अध्यक्ष व राम मंदिर आन्दोलन के प्रमुख किरदार रहे अशोक सिंघल से देश के मशहूर उद्योगपति बिड़ला परिवार के माध्यम से हुआ था. बताते हैं कि चन्द्रकांत सोमपुरा तब छह महीने में राममंदिर के छह डिजायन लेकर अशोक सिंघल के पास गए थे लेकिन सिंघल को वर्तमान डिजायन ही पसंद आया था. तब से सोमपुरा की देखरेख में पिछले तीस वर्षो से पत्थर तराशने का काम लगातार चलता आ रहा है. सोमपुरा को विश्वास था कि एक न एक दिन राम मंदिर निर्माण का काम जरूर शुरू होगा.  

देश विदेश में अब तक 131 से ज्यादा मंदिरों की डिजाइन तैयार कर चुके सोमुपरा परिवार के पास नागर शैली के मंदिरों की वास्तुकला की अच्छी जानकारी है. अयोध्या का राममंदिर नागर शैली का मंदिर होगा और उत्तर भारत में इस शैली के ही मंदिर बनाने का प्रचलन है. अशोक सिंघल को राम मंदिर की डिजाइन देने वाले चन्द्रकांत सोमपुरा के पिता ने बद्रीनाथ मंदिर की मरम्मत का काम किया था. बताया जाता है कि इस काम के दौरान ही अलकनन्दा नदी में गिर जाने से उनकी मौत हो गयी थी.  

15 पीढ़ियों से लगातार कर रहा मंदिर डिजाइन का काम, सोमनाथ, अक्षरधाम और अब राम मंदिर निर्माण में सोमपुरा परिवार-

चंद्रकांत सोमपुरा को मंदिरों के निर्माण और डिजाइन बनाने और वास्तुविद की कला विरासत में अपने परदादा, दादा और पिता से ही मिली. करीब 15 पीढ़ियों से मंदिरों के डिजाइन करने का काम करने वाले सोमपुरा परिवार ने ही सोमनाथ मंदिर का डिजाइन तैयार किया था. लंदन के स्वामीनारायण मंदिर का नक्शा भी चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था. अपने दादा की ही तरह चंद्रकांत सोमपुरा को भी मंदिरों की वास्तुकला में उनके ज्ञान के लिए कई पुरस्कार भी मिले है.

राम मंदिर निर्माण की सोमपुरा परिवार ने पूरी की तैयारी-

मुख्य शिल्पी चंद्रकात सोमपुरा समेत उनके दोनों पुत्र निखिल और आशीष ने नागर शैली में राजन्म भूमि मंदिर की नई डिजाइन का डायग्राम, हर हिस्से का मैप, 3-डी मॉडल से लेकर लागत तक का ब्योरा तैयार कर लिया है. राम मंदिर के 17 हिस्से, शिखर या विमान, गर्भगृह, कलश, गोपुरम, रथ, उरूशृंग, मंडप, अर्धमंडप, जगति, स्तंभ, परिक्रमा या प्रदक्षिणा, शुकनात, तोरण, अंतराल, गवाक्ष, अमलक और अधिष्ठान होंगे.

इंजीनियर निखिल सोमपुरा के अनुसार पूरब मुखी मंदिर की लंबाई 268 से 360 फुट और चौड़ाई 140 से बढ़ाकर 235 फुट की गई है, जबकि ऊंचाई 128 से 161 फुट हो गई है. मंदिर में गर्भगृह पर सबसे ऊंचा 161 फुट का शिखर बनेगा, इसके अलावा गूढ़ मंडप, नृत्यमंडप, रंगमंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप पर कुल पांच गुंबद होंगे. समूचा मंदिर पिंक स्टोन से बनेगा, इसके विभिन्न हिस्सों में लगने वाले तराशे गये पत्थरों की डिजाइन से लेकर माप और लागत आदि का ब्योरा तैयार हो गया है.  

राजेश मिश्र