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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले दो महीनों में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नए सिरे से सीटों का आरक्षण किया जाएगा। निकाय चुनावों (Civic Elections) के लिए वार्डों के गठन को अंतिम रुप देने के बाद अगले महीने अक्टूबर में सीटों का आरक्षण नए सिरे से किया जाएगा। हालांकि अभी सीटों के आरक्षण (Reservation) का फार्मूला तय नहीं हुआ है पर माना जा रहा है कि ज्यादातर सीटों पर उलटफेर होगा।  उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव इसी साल नवंबर में प्रस्तावित हैं। 

    सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए नगर निकायों के चुनाव काफी मायने रखते हैं। बीते कुछ सालों से उत्तर प्रदेश के नगर निकायों में बीजेपी का दबदवा रहा है। बीते 2017 के चुनावों में प्रदेश के 16 नगर निगमों में 14 पर बीजेपी के तो दो पर बहुजन समाज पार्टी के मेयर पद के प्रत्याशी जीते थे। बीजेपी के अलावा प्रदेश अन्य राजनैतिक दलों नें भी निकाय चुनावों को लेकर काफी पहले के अपनी तैयारी शुरु कर दी है। 

    वार्डों की संख्या भी 20 हजार से अधिक होगी

    इस बार उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने वड़े पैमाने पर स्थानीय निकायों की तादाद बढ़ायी है। पिछली बार 2017 में हुए चुनावों के मुकाबले इस बार 100 से ज्यादा नए निकायों का गठन किया जा चुका है। बड़ी तादाद में ग्रामीण इलाके शहरी निकायों में शामिल हो चुके हैं। जहां 2017 में स्थानीय निकायों की 653 सीटों पर चुनाव हुआ था, वहीं इस बार अभी तक 762 निकाय बन चुके हैं।  अगले सप्ताह तक इनकी संख्या में और भी इजाफा हो सकता है।  पिछली बार की अपेक्षा इस बार वार्डों की संख्या भी 20 हजार से अधिक होगी। वार्डों के आरक्षण से पहले अधिकतर निकायों में रैपिड सर्वे का काम पूरा कराया जा रहा है।  रैपिड सर्वे होने के बाद आरक्षण का काम शुरू होगा।

    किया जा रहा आरक्षण का फार्मूला 

    नगर विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए आरक्षण का फार्मूला तय किया जा रहा है। अक्टूबर में आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण के बाद चुनाव की तारीखों के लिए प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा जिसके बाद तारीखों का एलान होगा। गौरतलब है कि योगी सरकार ने इस बार बड़े पैमाने पर नई नगर पंचायतों का गठन किया है।  पिछली बार 2017 के चुनावों में जहां 429 नगर पंचायतें थी, वहीं इस बार इनकी संख्या अब 545 हो चुकी हैं। जबकि सात नई नगर पालिका परिषदों और एक नगर निगम का गठन का किया गया है।  प्रदेश में अब कुल 200 नगर पालिका परिषद और 17 नगर निगम हैं। आने वाले कुछ दिनों में नगर पंचायतों की संख्या और भी बढ़ सकती हैं।