PM Modi
PM Modi (Photo Credits-ANI Twitter)

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    वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा है कि जब भी वो यूपी (UP) के विकास (Development) में डबल इंजन की डबल शक्ति की बात करते हैं तो कुछ लोगों को कष्ट ज्यादा ही हो जाता है। यह वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को सिर्फ जाति, मजहब, पंथ, के चश्मे से ही देखा। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भाषा भी उनके सिलेबस, उनकी डिक्शनरी से बाहर है। उनके सिलेबस में, उनकी डिक्शनरी में, उनकी सोच में है- माफियावाद, परिवारवाद। उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा। 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ अपना स्वार्थ सोचने वालों को यूपी का विकास पसंद नहीं आ रहा है। हालात तो ये हैं कि इन लोगों को पूर्वांचल के विकास से, बाबा विश्वनाथ धाम से भी आपत्ति होने लगी है। समूचे विपक्ष को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को दशकों पीछे धकेलने वाले इन लोगों की नाराजगी अभी और बढ़ेगी। जिस तरह पूरे यूपी के लोग हमें आशीर्वाद दे रहे हैं और जैसे-जैसे आशीर्वाद बढ़ता जाता है। उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचेगा।

    देश के सबसे बड़े बायोगैस प्लांट का शिलान्यास 

    पीएम मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अमूल प्लांट सहित लगभग 2095 करोड़ रुपयों की 27 विकास परियोजनाओं का उपहार देने के साथ-साथ यूपी के 21 लाख परिवारों को उनकी पुस्तैनी घर की जमीन के दस्तावेज “घरौनी” सौंपी। विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने प्रदेश के 1.74 लाख दुग्ध उत्पादकों को 35.2 करोड़ का बोनस जारी किया, साथ ही डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देश भर के लिए प्रमाणन पोर्टल और लोगो लांच किया। किसानों पशुपालकों और डेयरी उद्योग के लिए बेहद खास इस कार्यक्रम में पीएम ने रामनगर में देश के सबसे बड़े बायोगैस प्लांट का शिलान्यास भी किया। बीते 10 दिनों के भीतर गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी का यह दूसरा वाराणसी दौरा था।

    पशुधन से चलती है 8 करोड़ परिवारों की आजीविका 

    अमूल ब्रांड के रूप में प्रसिद्ध बनास डेयरी के नवीनतम प्लांट का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने पशुपालकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज यहां जो बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है, वो भी सरकार और सहकार की इसी भागीदारी का प्रमाण है। आज वाराणसी और आसपास का यह पूरा क्षेत्र फिर से पूरे देश और पूरे उत्तर प्रदेश के गांवों, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है। वहीं पिछली सरकारों में गोवंश और पशुपालकों की उपेक्षा की याद दिलाते हुए कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। पीएम ने कहा कि गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूज्यनीय है। भारतीय जनमानस में गोवंश के प्रति प्रेम और सम्मान के भाव को प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी। लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। 

     डेयरी सेक्टर को मजबूत करना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक 

    विशाल जनसभा के समक्ष आंकड़े रखते हुए पीएम ने बताया कि आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। यह राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है। पशुधन संवर्धन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है। हमारी सरकार देशभर में इस स्थिति को बदल रही है। 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45% बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22% दूध उत्पादन करता है। प्रधानमंत्री ने दुग्ध उत्पादन में देश में अव्वल होने के लिए उत्तर प्रदेश को बधाई भी दी, साथ ही कहा कि डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी यह राज्य बहुत आगे है। 

     

     बायोगैस से बिजली बनाने वाले प्लांट का निर्माण 

    पीएम ने कहा डबल इंजन की हमारी सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति से किसानों और पशुपालकों का साथ दे रही है। विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री ने पशु अपशिष्ट (गोबर) से बिजली बनाने के लिए प्लांट की आधारशिला रखी। पीएम ने कहा कि आज देश की बहुत बड़ी जरूरत, डेयरी सेक्टर से जुड़े पशुओं से जो अपशिष्ट निकलता है, उसके सही इस्तेमाल का भी है। रामनगर के दूध प्लांट के पास बायोगैस से बिजली बनाने वाले प्लांट का निर्माण ऐसा ही एक बहुत बड़ा प्रयास है।

    भावी पीढ़ी की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक खेती अपनाएं किसान

    अपने संसदीय क्षेत्र में 2100 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत में प्राकृतिक खेती होती थी। जो खेत से मिल रहा है, खेती में जुड़े पशुओं से मिल रहा है, वही तत्व खेती को बढ़ाने के काम आते थे। लेकिन समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया। किसानों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा। सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, किसानों को जागरूक करने के लिए बहुत बड़ा अभियान भी चला रही है। किसान, खासकर छोटे किसानों को प्राकृतिक खेती से जुड़ना चाहिए।

    मिली घरौनी, ग्रामीणों के चेहरों पर संतोष भरी मुस्कान

    गांवों में पुस्तैनी घरों के दस्तावेज न होने के अभाव में बैंक ऋण की पात्रता न रखने की समस्या का भी प्रधानमंत्री ने निदान कर दिया। 21 लाख परिवारों को ऑनलाइन “घरौनी” प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवो को, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें अवैध कब्जे से चिंता मुक्त करने में स्वामित्व योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। यूपी के 75 जिलों में 23 लाख से अधिक घरौनी तैयार हो चुकी हैं। इसमें से करीब 21 लाख परिवारों को आज ये दस्तावेज दिए गए हैं। वहीं वाराणसी में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क आदि की अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए हमारे शहर नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, ये काशी में दिख रहा है। आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण हुआ है, वो ‘भव्य काशी-दिव्य काशी’ अभियान को और गति देंगे।

    दिव्य काशी-नव्य काशी को प्रधानमंत्री का उपहार

    • वाराणसी के कारखियांव में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण फूड पार्क में बनास डेयरी संकुल की आधारशिला रखी। 30 एकड़ भूमि में फैले इस डेयरी का निर्माण लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और इसमें प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण की सुविधा होगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और क्षेत्र के किसानों को उनके लिए नए अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी। 
    • बनास डेयरी से जुड़े 1.7 लाख से अधिक दूध उत्पादकों के बैंक खातों में लगभग 35 करोड़ रुपये का बोनस डिजिटल रूप से अंतरित किया गया।
    • वाराणसी में रामनगर के दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ संयंत्र के लिए बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्र की आधारशिला भी रखी गई। दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ऊर्जा संयंत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
    • राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की मदद से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा विकसित दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता आकलन योजना को समर्पित पोर्टल और लोगो का उद्घाटन किया। बीआईएस और एनडीडीबी गुणवत्ता चिह्न दोनों के लोगो को मिलाकर बनाया गया एकीकृत लोगो डेयरी क्षेत्र के लिए प्रमाणन प्रक्रिया को सरल बनाएगा तथा डेयरी उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में जनता को आश्वस्त करेगा।
    • जमीनी स्तर पर भूमि स्वामित्व के मुद्दों को कम करने के एक अन्य प्रयास में उत्तर प्रदेश के 20 लाख से अधिक निवासियों को केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अधिकार रिकॉर्ड ‘घरौनी’ का वर्चुअली वितरण किया। 
    • स्वास्थ्य के क्षेत्र में, 130 करोड़ रुपये की लागत से महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में डॉक्टर छात्रावास, एक नर्स छात्रावास और आश्रय गृह से संबंधित परियोजना का उद्घाटन किया। भाद्रसी में 50 बिस्तरों वाले एक एकीकृत आयुष अस्पताल का उद्घाटन भी हुआ। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने आयुष मिशन के तहत पिंडरा तहसील में 49 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज का भी शिलान्यास भी किया। 
    • वाराणसी में कई शहरी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन। इनमें पुरानी काशी के वार्डों के पुनर्विकास की छह परियोजनाएं, बेनियाबाग में पार्किंग और पार्क, दो तालाबों का सौंदर्यीकरण, रमना गांव में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 720 स्थानों पर उन्नत निगरानी कैमरों के प्रावधान शामिल हैं।         
    • प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पित शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं में शामिल हैं – लगभग 107 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का शिक्षक शिक्षण अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र और 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान में निर्मित एक शिक्षक शिक्षा केंद्र। इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा बीएचयू और आईटीआई करौंदी में आवासीय फ्लैट और स्टाफ क्वार्टर का भी उद्घाटन किया गया।
    • प्रयागराज और भदोही जाने वाली सड़कों के लिए दो ‘4 से 6 लेन’ की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इससे वाराणसी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और इस शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान की दिशा में यह एक कदम होगा।
    • पवित्र काशी की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने वाराणसी स्थित श्री गुरु रविदास जी मंदिर और ऋषि गोवर्धन से संबंधित पर्यटन विकास परियोजना के चरण-1 का भी उद्घाटन किया। 
    • वाराणसी स्थित दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र के अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में एक स्पीड ब्रीडिंग सुविधा, पायकपुर गांव में एक क्षेत्रीय अनुमोदक मानक प्रयोगशाला और पिंडरा तहसील में एक अधिवक्ता भवन का लोकार्पण किया।