लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) की अध्यक्षता में योजना भवन में सम्पन्न हुई उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की साधारण सभा की दसवीं बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 5968 करोड़ रुपए के प्रावधानित बजट (Budget) का किया अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही अन्य बिन्दुओं पर चर्चा कर अनुमोदन दिया गया। बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के विभिन्न बिंदुओं पर व्यापक रूप से चर्चा की गई और लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की निर्माणाधीन सड़कों के कार्यों के प्रगति की समीक्षा की गई । उपमुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि सभी कार्य निर्धारित मानक के अनुरूप और गुणवत्तायुक्त और निर्धारित समय सीमा के अंदर अनिवार्य रूप से पूरे किए जाएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि क्वालिटी मॉनिटर्स द्वारा सड़कों के निरीक्षण के समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएं और लोकार्पण, शिलान्यास के समय सांसदों के साथ सम्बन्धित विधायकों को भी आमंत्रित किया जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में ठेकेदारों के बिलिंग और भुगतान का कार्य मासिक रूप से अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाएं।
अधिकारी करें कामों का निरीक्षण
उन्होंने निर्देश दिए कि एफडीआर तकनीक में टेस्टिंग की समय सीमा कम करने के लिए तकनीकी संस्थाओं से पत्राचार किया जाएं। साथ ही अनुरक्षण और निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़कें विकास का आधार होती हैं, इन्जीनियर अच्छी सोच के साथ आगे बढ़ कर सर्वश्रेष्ठ व गुणवत्तापूर्ण कार्य करें। उन्होंने कहा कि कार्य धरातल पर नजर आने चाहिए, इसके लिए जरूरी है लोक निर्माण विभाग के (पीएमजीएसवाई विंग) के अधिकारी और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारी निर्माणाधीन और अनुरक्षण के कार्यों का अनवरत रूप से निरीक्षण करते रहें।
लखनऊ स्थित योजना भवन में मा० राज्य मंत्री श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम जी एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उ०प्र० ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण की साधारण सभा की बैठक की। pic.twitter.com/yfjSm4zs0l
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) March 21, 2023
अधिकारियों को दिए ये निर्देश
उन्होंने कहा कि एफडीआर तकनीक से बनाई जा रही सड़कों की बुकलेट छपवा कर सांसदों और विधायकों को भेजी जाएं। सड़कों के निर्माण के दौरान वहां पर पड़ने वाले पुल और पुलियों को पहले बनाकर मार्ग को लोगों को उनके गन्तब्य स्थल तक पहुंचने योग्य बनाया जाएं। यह भी निर्देश दिए कि साधारण सभा की बैठक साल में दो बार जरूर कराई जाएं। उन्होंने कहा कि क्वालिटी मॉनिटर कैग में निश्चित रूप से पैनल्ड होने चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में पीएमजीएसवाई के तहत 200 किलोमीटर, कुल मिलाकर 16 हजार किलोमीटर की सड़कों को बनाने का प्रस्ताव दिया जाएं।